पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६०७

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३३१
हैदरअली

हैदरअली ३३१ उस समय तक के लिए कैद कर दिया, जब तक कि हैदर और अंगरेजों में सुलह न हो गई। मङ्गलोर की विजय के बाद हैदर वहाँ की हिफाजत का उचित प्रबन्ध कर स्वयं टीपू तथा सेना सहित हैदरअली मद्रास बङ्गलोर की रक्षा के लिए पीछे लौट आया। __ के फाटक पर पर इस बार हैदर ने अपनी सेना के तीन हिस्से किए और वह तीन रास्तों से आगे बढ़ा। जनरल स्मिथ के लिए बङ्गलोर विजय करने का इरादा स्वप्न मात्र साबित हुना। हैदर की सेना के लौटते ही जनरल स्मिथ और करनल बुड की सेना को बुरी तरह हैदर की सेना के आगे आगे भागना पड़ा। अपने तमाम इलाके से अंगरेज़ी मना को फिर एक बार बाहर निकाल देने के बाद हैदर की तीनों सेनाएँ अब अंगरेज़ों और नवाब करनाटक के इलाकों में बढ़ती चली गई। हैदरअली की सेना के मुकाबले में कम्पनी की सेना के कहीं भी पैर न जम सके। नवाव मोहम्मदअली बेहद डर गया। बढ़ते बढ़ते हैदर की सेना मद्रास के निकट पहुंचने लगी। मद्रास का अंगरेज गवरनर और उसकी कौन्सिल के मेम्बर घबरा गए। मद्रास की कौन्सिल ने अब कमान ब्रक को हैदर के पास सुलह के लिए भेजा। हैदर को मौका मिला कि जो व्यवहार चन्द महीने पहले अंगरेजों ने हैदर के दूत के साथ किया था वही अब हैदर अंगरेज़ दूत के साथ करे। हैदर ने कप्तान बेक को उत्तर दिया-