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भारत में अंगरेज़ी राज

३३६ भारत मे अंगरेजो राज थी। एक फ्रांसीसी इतिहास लेखक लिखता है कि इस विजय के . अवसर पर हैदर ने अंगरेजों से कहकर मद्रास के सेण्ट जॉर्ज किले के सदर फाटक पर एक चित्र फाटक पर एक

  • बनवाया, जिसमें हैदर एक शामियाने के नीचे

तोपों के ढेर के ऊपर बैठा हुआ है, पीछे की ओर सेण्ट जॉर्ज का किला है जिसकी फ़सील पर गवरनर और उसकी कौन्सिल के सब अंगरेज मेम्बर दोजानू बैठे हुए हैदर की ओर अपने हाथ बढ़ा रहे हैं। अंगरेज़ दूत डूप्रे और बौशियर दोनों हैदर के सामने जमीन पर दोजानू बैठे हैं। डूप्रे के नाक की जगह हाथी की सी सूंड बनी हुई है, हैदर उसकी सूंड को पकड़े हुए है और उसमें से अशरफ़ियाँ हैदर के सामने खनाखन ज़मीन पर गिर रही हैं। दूसरी ओर पराजित अंगरेज सेनापति जनरल स्मिथ सन्धि पत्र हाथ मे लिए हुए अपने हाथ से अपनी तलवार के दो टुकड़े कर रहा है। इस सन्धि का यहाँ तक असर हुआ कि इंगलिस्तान में उसकी ख़बर पहुँचते ही ईस्ट इण्डिया कम्पनी के हिस्सों कम्पनी के हिस्सो की दर एकदम गिर कर ४० फीसदी रह गई। की दर का गिरना ' युद्ध के दिनों में ही जैसे जैसे हैदर और टीपू की विजयों की खबरें इंगलिस्तान पहुँचती जाती थी, कम्पनी के हिस्सों की दर गिरती जाती थी। इस पर डाइरेक्टरों ने बार बार मद्रास के अधिकारियों पर जोर दिया कि हैदर के साथ सुलह कर ली जावे। किन्तु अब सुलह हो जाने पर उन्हीं डाइरेक्टरों ने मद्रास