पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६६९

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लॉर्ड कॉर्नवालिस

लॉर्ड कॉर्नवालिस बेकार है; और एक इतने जिम्मेवारी के ओहदे पर उस नियुक्त करना केवल मज़ाक उड़वाना होगा, इत्यादि । ___ कॉर्नवालिस ने भारत पाकर देखा कि उम्म समय ऊँचे ऊँचे ओहदों पर कम्पनी के ज़्यादातर यूरोपियन नौकर अयोग्य और रिशवतखोर थे। कॉर्नवालिस ने इस महसूस किया और इसके दो इलाज किए । एक यह कि उसने नियम कर दिया कि आइन्दा सिवाय छोटी से छोटी नौकरियों के कम्पनी के इलाके में कोई बड़ी नौकरी किसी हिन्दोस्तानी को न दी जाय 1 दूसरे उसने कम्पनी के यूरोपियन मुलाजिमों की तनख्वाह बढ़ा दी। अत्यन्त प्राचीन काल में भारत की 4 फीसदी जन संख्या ग्रामों मे रहती रही है। हर गाँव में सदा से एक भारत को ग्राम ग्राम पनायत होती थी। इतिहास लेखक टॉरन्स पंचायत " के शब्दों में "भारतवासियों का सारा सामाजिक, औद्योगिक और राजनैतिक जीवन इन्हीं ग्रामों और ग्राम पञ्चायतों के आधार पर कायम था और इन्हीं का बना हुआ था ।"* इन ग्राम पञ्चायतों के सङ्गठन और उनके कार्यों के विषय में हम उस समय के केवल एक दो अंगरेज इतिहास लेखकों की गवाही पेश करते हैं। टॉरेन्स लिखता है :- "उस प्रचीन काल से लेकर, जिसकी कि कोई याद तक बाकी नही रही, हर गाँव के बड़े बूदों की एक पञ्चायत गाँव पर शासन करती रही है, गाँव के --... ____ - UP Ellage Commandya, it 5 111], the urti amal Industriandpohindevrstenr. -Tore, Emmentsre. 100