पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६८२

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भारत में अंगरेज़ी राज

४०० भारत में अगरजी राज इंगलिस्तान जाना बन्द कर देने के लिए उस समय इंगलिस्तान में जबरदस्त आदोलन जारी था। किन्तु यह कहानी एक दूसरे अध्याय में दी जायगी। मीर जाफर के उत्तराधिकारी अभी तक मुर्शिदाबाद की नुमायशी मसनद पर बैठने चले श्राते थे। चुनाँचे स्वर जॉन शोर के भारत पहुँचने के एक महीने पहले ३७ साल की आयु में २३ साल तक सूबेदारी की मसनद पर बैठने के बाद नवाब मुबारकुद्दौला को मृत्यु हुई । मुवारकुद्दौला के बारह लड़के और तेरह लड़कियाँ थीं, जिनमें सबसे बड़े लड़के वजीरुद्दौला के मसनद पर बैठने का २८ सितम्बर सन् १७६३ को कलकत्ते में कम्पनी की ओर से बाकायदा एलान किया गया। ___एक पिछले अध्याय में पहले मराठा युद्ध और सन् १७८२ की सालबाई वाली सन्धि का जिक्र आ चुका है। वारन हेस्टिग्स की " माधोराव नारायन उस समय पेशवा था। नाना दोहरी साज़िशें फड़नवीस उसका प्रधान मन्त्री था और हत्यारे राघोबा को गोदावरी के तट पर कोपरगाँव भेज दिया गया था। सन १७८४ के शुरू में कोपरगाँव ही में राघोबा की मृत्यु हुई। उसका बेटा बाजीराव जिलकी श्रायुसाल की थी, उस समय पूना में था। ____ माधोजी सीधिया वारन हेस्टिग्स के हाथों की एक खास कठपुतलो था। माधोजी के साथ गुप्त सन्धियाँ और समझौते करके हेस्टिंग्स उसके ज़रिये एक ओर मराठों की शक्ति का नाश करना