पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/७२४

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भारत में अंगरेज़ी राज

४४० भारत में अंगरेजी राज वह कम्पनी के डाइरेक्टरों के सामने पेश हुअा। परीक्षा के तौर पर एक डाइरेक्टर ने उससे पूछा-"क्यों छोटे श्रादमी, यदि हैदर अली तुम्हें मिल जावे तो तुम क्या करोगे?" लड़के ने फौरन उत्तर दिया-"क्या करूँगा ? मैं फौरन अपनी तलवार खींचकर उसका सर काट डालंगा।" डाइरेक्टर ने कहा--- "बहुत ठीक" और फिर श्राज्ञा दी-"इस पास किया गया ।" इस प्रकार पास होकर और सेना में भरती होकर अप्रैल सन् १७८३ में १३ साल की आयु में मैलकम मद्रास पहुँचा। टीपू के साथ अंगरेजों की पहली लड़ाई में वह शामिल था। धीर धीरे उसने फारसी भाषा और देशी रियासतों की हालत का खूब अध्ययन किया । माकिल वेल्सली मद्रास में भैलकम से मिलकर बड़ा प्रसन्न हुआ । २० सितम्बर सन् १७६ को उसने कमान मैलकम को सेना से निकाल कर हैदराबाद के दरबार में कर्कपैट्रिक का असिस्टेण्ट नियुक्त कर दिया। मैलकम कर्कपैट्रिक और वेल्सली दोनों के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित हुआ। ___ तजवोज़ यह थी कि अजीमुल उमरा बिना निज़ाम को खबर किए रियासत को सेना को चुपचाप टुकड़े अज़ामुलउमरा क टकडे करके बरखास्त कर दे और पेशतर इसके कि निजाम को खबर हो, कम्पनी की नई सबसीडीयरी सेना हैदराबाद पहुँच कर उसकी जगह ले ले। जुलाई सन् १७६८ को वेल्सली ने कलकत्ते से कप्तान कर्कपैट्रिक के नाम एक पत्र लिखा जिसके ऊपर "गुप्त' लिखा हुआ था। केवल