पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/८५

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पुराने हमले

पुराने हमले एशियाई कौमों के हमले ईसा से हज़ारों साल पहले से जारी थे । इनमें आर्य जाति के हमले का ज़िक्र हम ऊपर कर चुके हैं। इसके बाद ईसा से ८०० साल पहले यूरोप पर अन्य एशियाई जातियों के हमलों का भी यूरोपियन इतिहास में ज़िक्र आता है । वास्तव में इस तरह के हमले समय समय पर बराबर होते रहे। किन्तु इस स्थान पर उन सब हमलों को छोड़ कर केवल हज़रत ईसा के जन्म के बाद के हमलों को ही थोड़े से शब्दों में बयान कर देना चाहते हैं। ईसा की दूसरी सदी से लेकर पूर्वीय एशिया और मध्य एशिया की अनेक कौमें जैसे हुण, अवार, बलगर, खज़ार, पज़ेनाक, मगियार, मङ्गोल इत्यादि बराबर अपनी एशियाई आवादियों से निकल निकल कर यूरोप पर हमला करती रही हैं । इस तरह के हमले एक हजार साल तक, रूस से लेकर जरमनी, इतालिया, इङ्गलिस्तान और स्पेन तक बराबर होते रहे। इनमे शुरू की हमला करने वाली क़ौमों ने पूर्वी यूरोप और मध्य यूरोप में जाकर अपनी बस्तियाँ श्राबाद की । बाद के हमला करने वालों ने इन पहले श्राए हुए लोगों को उत्तर और पच्छिम की ओर भगा कर खुद उनकी जगह ले ली! ये हमले तमाम यूरोप के ऊपर इतने लगातार और इतने अधिक देशों पर हुए कि उन्हें एक दूसरे के बाद तरतीबवार बयान करना हमारे लिए अनावश्यक है । इसलिए हम इन सब करीब एक हज़ार साल के हमलों का सार यूरोपियन इतिहास लेखकों ही के शब्दों में दे देना चाहते हैं। ईसा की पाँचवीं सदी मे करीब एक चौथाई यूरोप, जिसमें यूनान, बलकान, इतालिया, स्पेन और इङ्गलिस्तान-सब शामिल थे, रोमन लोगों