पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/९४

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पुस्तक प्रवेश

६६ युस्तक प्रवेश भी इन लोगों के हमलों से न बच सका । यहाँ तक कि सन् ७०० ईसवी से ७१३ ईसवी तक स्पेन अरबों की हुकूमत में आ गया। यह सब इसलाम की पहली सदी की विजयों का इतिहास है। किन्तु इसके बाद भी अरबों और दूसरी मुसलमान कोमों की फ़तूहात जारी रही । धीरे धीरे समस्त रूस, यूनान, बलकान, पोलैण्ड, दक्खिन इतालिया, सिसली इत्यादि, प्राधे यूरोप पर मुसलमानों की हुकूमत कायम होगई और कई सौ साल तक रही। सन् ६३६ ई० की एक घटना भारत में सब से पहले सन् ६३६ ईसवी में खलीका उमर के ज़माने में आजकल के बम्बई टापू के पास ताना नामक स्थान पर पहली बार मुसलमानों की कुछ जल सेना दिखाई दी। यह सेना बहरायन ( इराक) के मुसलमान गवरनर सकैफी की श्राज्ञा से भेजी गई थी। ख़लीफ़ा उमर की इसमें इजाज़त न ली गई थी। लिखा है कि जब ख़लीफ़ा उमर को इस बात का पता लगा, वह बहरायन के गवरनर पर नाराज़ हुआ। जल- सेना बिना किसी तरह की भी लडाई इत्यादि के वापस बुला ली गई, और खलीफ़ा ने यह हुकुम दे दिया कि यदि फिर हिन्दोस्तान पर चढ़ाई की जायगी तो चढ़ाई करने वालों को कड़ी सज़ाएं दी जायेंगी । इस छोटो सी घटना से मालूम होता है कि उस समय के अरब मुसलमानों और भारतवासियों के बीच किस तरह के प्रेम और परस्पर आदर का सम्बन्ध कायम था । हम अरबों और भारतवासियों के इस शुरू के सम्बन्ध को आगे चल कर और अधिक विस्तार के साथ बयान करेंगे। किन्तु इससे पहले यहाँ पर हम इस देश के ऊपर मुसलमानों के पहले