पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/२९०

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२८१ लपटती ज़बान और टूटे स्वर से उसने नमकहराम, टुकड़खोर लालखाँ से कहा-'तब, वे लोग मुझे तिल-भर जगह भी न देंगे। टुकड़ा खाने को भी न देंगे। इस पर भी वे राजी नहीं हैं ?' यह कहकर सिराज कुछ देर के लिये चुप होगया। "फिर, कुछ देर में बोला-'नहीं, इस पर भी वे राजी नहीं हैं। मुझे मरना ही पड़ेगा।' "आगे बोलने का उसे अवसर न मिला । देखते-ही-देखते नर पिशाच की तेज तलवार उसकी गर्दन पर पड़ी। खून का फव्वारा बह निकला, और देखते-ही-देखते, बंगाल, बिहार और उड़ीसा का युवक नवाब ठण्डा होगया। हत्यारे लालखाँ ने उसके जिस्म के टुकड़े-टुकड़े करके, उन्हें एक हाथी पर लदवाकर शहर में घुमाने का हुक्म दिया। "क्लाइव से अगले दिन मीरज़ाफर ने इतका जिक्र करके क्षमा माँगी तो, क्लाइव ने मुस्कराकर कहा – 'इसके लिये, यदि माफी न माँगी जाती, तो कुछ हर्ज न था।" २० मीरजाफर और मीरकासिम मीरजाफर नवाब हुआ—और धूर्त स्क्वेफन उसका एजेण्ट बनकर दरबार में विराजा । प्रख्यात वारेन हेस्टिग्स उसका सहायक बनाया गया। थोड़े दिन बाद स्क्वेफन कौंसिल में सभ्य नियत हुआ—तब, उक्त गौरव का पद वारेन हेस्टिग्स को मिला । यह पद बड़ी जिम्मेदारी का था । एजेण्ट को दो बातों की कठिन जिम्मेदारियाँ थीं-एक तो यह कि कम्पनी की आय और उसके स्वार्थ में विघ्न न पड़े। दूसरे, नवाब कहीं सिर उठाकर सबल न हो जाय। नवाब यदि वेश्याओं और शराब में अधिकाधिक गहराई में लिप्त हो, तो एजेण्ट को कुछ चिन्ता न थी। उनकी चिन्ता का विषय सिर्फ