सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३७
 

बस यही बहु-विवाह का कानून था कि पराजित देशों से स्त्रियाँ अप- हरण की जायें। फिर यही बात सदैव के लिये मुसलमानी रीति में समा गई। ऐसे दम्पत्तियों की संतान अपने विजेता पिताओं की संतान होने पर गर्व करती थीं। इस नीति के प्रभाव का इससे अच्छा प्रमाण नहीं दिया जा सकता जो उत्तरीय अफ्रीका में मिलता है। नवीन प्रबन्धों को करने में इस बहु-विवाह प्रथा का बे रोक प्रभाव बहुत ही विचित्र हुआ। एक पीढ़ी से कुछ अधिक समय में ख़लीफ़ा के अफ़सरों ने उसे सूचना दी कि राज्य कर बन्द कर दिया जाय क्योंकि इस देश में पैदा हुए बालक सब मुसलमान हैं और सभी अरबी भाषा बोलते हैं।