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पृष्ठ:भाव-विलास.djvu/१०

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प्रथम और द्वितीय विलास

भाव
विभाव
अनुभाव
स्थायी
संचारीआलंबन
उद्दीपन
आननप्रसन्नतानयनप्रसन्नताचलचितौनिमुसक्यानिअंगभंग
रतिहँसीशोकक्रोधउत्साहभयघृणाआश्चर्यनिर्वेद
तन(शारीरिक) [सात्विक]
मन(आंतरिक)
स्तंभखेदरोमांचवेपथुस्वरभंगविवरनताअश्रुप्रलय

निर्वेद ग्लानि शंका असूया मद श्रम आलस्य दीनता चिन्ता मोह स्मृति धृति लाज चपलता
हर्ष जड़ता दुख आवेग गर्व उत्कंठा नींद अपस्मार अवबोध क्रोध अवहित्थ मति उपालंभ
उग्रता व्याधि उन्माद मरण त्रास तर्क

[विनयउपदेश]
कोप
प्रणय
विप्रपतिपत्तिविचारसंशयअध्यवसाय

[देवजी ने 'छल' को ३४वाँ संचारीभाव और माना है]