पृष्ठ:भूगोल.djvu/१३४

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२-प्रजा कार्यो में अक १-५] ट्रावनकोर १३३ उनको रहने का स्थान देगा । और आवश्यकता पड़ने ढूँढ़नी पड़ती है। यद्यपि ट्रावनकोर के राना क्षत्रिय पर अंग्रेजों की सहायता करेगा। राजा बाल राम वर्मा कहलाते हैं तो भी उनकी गही इसी प्रथा के अनुसार (जिसके साथ यह संधि हुई थी ) की मृत्यु हो गई। होती है। उसके बाद उसका भतीजा उसी नाम से गद्दी पर आय और व्यय । ट्रावनकोर राज्य की सालाना बैठा । १८०५ में फिर एक संधि अंग्रेजों ने राजा से आय २ करोड २५ लाख रु० और सालाना व्यय की। इसके अनुसार राजा बिना अंग्रेजों की आज्ञा १ करोड ७५ लाख ७० है। के किसी से संधि या लड़ाई नहीं कर सकता था और किसी भी योरोपीय को बिना कम्पनी की आज्ञा के ट्रावनकोर राज्य का सालाना ब्यय सेना में नहीं रख सकता था। इसी राजा के समय में १-शिक्षा =३९.५९ लाख%= २२.४० कुछ गड़बड़ी हुई । किन्तु फिर शांति स्थापित हो गई। =२९.७२ लाख = १६.८१ सन् १८११ में राजा राम वर्मा की मृत्यु हो गई। ३-दान =२३.४७ लाख १३.२८ लक्ष्मी रानी गद्दी पर बैठी। किन्तु उसने राज्य शासन ४-राज महल =१४.५८ लाख ८.२५ कर्नल मुनेरा रेजीडेन्ट हाथ सौंप दिया। १८१४ ५-न्याय विभाग =१०.१२ लाख= ६.१४ में रानी मरी। उसके बाद उसको बहिन पार्वती रानी, लक्ष्मी रानी के पुत्र राम वर्मा की रीजेन्ट बनी। ६-नशन =१०.०७ लाख= ५.७० राम वर्मा ने १७ साल तक राज्य किया उसके बाद ७-सफाई तथा औषधालय= ९.७४ लाख = ५.५१ ८-भेंट छोटा भाई मार्तण्ड वर्मा १८४६ में गद्दी पर बैठा =८.११ लाख= ४.५७ फिर वॉची बाल राम वर्मा ने १८८० तक राज्य किया। ९-पुलीस =२.६७ लाख% ३.२१ १८८० में वांची बाल राम की मृत्यु के बाद राम वर्मा =५.४१ लास्त्र = ३.०६ १०-सेना ११-शासन =४.१४ लाख= २.३४ राजा हुा । १८९२ में अँग्रेज़ सरकार ने राजा को एक सनद दी । जिसके अनुसार राजा मालावार रीति १२-और दूसरे कार्यो में = १५:३३ लाख = ४.६७ व रिवाज़ के अनुसार राज घराने की लड़की के बड़े ट्रावनकोर राज्य उन्नतशील राज्यों में से एक राज्य पुत्र को गद्दी दे सकता है। है अब राज्य का ध्यान शिक्षा तथा शिल्प को उन्नति यह एक अद्भुत रिवाज मालावार का है कि घर देने की ओर आकर्षित है। कारखानों तथा खेती की लड़की का पुत्र जायदाद का अधिकारी होता है। बारी को उन्नति देने के लिये जलप्रपातों से बिजली लड़के या किसी और मर्द का पुत्र शादी कर सकता प्राप्त करने का प्रयत्न किया जा रहा है । ट्रावनकोर है। नम्बूरी के बीच यह रिवाज है कि केवल बड़ा चाय तथा रबर का घर है । मुलायम लकड़ी जो यहां पुत्र शादी कर सकता है और जायदाद का मालिक के जंगलों में प्राप्त होती है । उसका उपयोग भी हो सकता है दूसरा नहीं। इसके विपरीत पूर्वी किनारे आरम्भ हो गया है। राज्य में कवीलन के समीप पर लड़कियां बिना शादी किए हुये किसी अवस्था तक चोनी मिट्टी पाई गई है। इसलिये राज्य की ओर से रह सकती हैं यहां तक कि बिना ब्याहे सारा जीवन कारखाना खोला जा रहा है। इससे सभी भांति का ब्यतीत कर देती हैं। नायर लोगों के बीच लड़कियों मिट्टी की वस्तुएँ तैयार की जावेंगी और राज्य की का ब्याह लड़कपन में कर दिया जाता है। बड़े होने आय की वृद्धि होगी । राज्य के अन्दर सड़कों तथा पर वे लड़कियां अपनी जाति में या ब्रह्मण जाति में नदियों में होकर आने जाने की अच्छी सुविधा है। से अपना वर चुन सकती हैं और पहले वाले पति राज्य में सड़कें काफी संख्या में पाई जाती है । राज्य को मना करने या दावा करने का कोई अधिकार की राजधानी पुनिया के हवाई मार्ग पर है और वायु- नहीं हैं। मलावार की भांति इस नीति में भी यानों का स्टेशन है। मछली मारने का भी व्यवसाय जायदाद का अधिकारी बहिन का पुत्र होता है। ट्रावनकोर राज्य में बहुत होता है और यहां से मछ- यदि किसी के बहिन नहीं होती तो उसे बहिन लियां बाहर देशों को भेजी जाती हैं । घरेलू रोजगार