पृष्ठ:भूगोल.djvu/१३५

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१३४ भूगोल [वर्ष १६ और धंधे भी राज्य में बहुत से हैं। जिनमें खबर, राज्य की ओर से जंगलों में जानवरों को मारे गाढ़ा बुनना, बेलबूटे काढ़ना और लकड़ी पर नकाशी जाने से बचाने के लिये अच्छा प्रबन्ध किया गया है। निकालने के काम प्रधान हैं। राज्य की ओर से एक गेम सैंकचुरी बनाई गई है ट्रावनकोर प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हैं यहां भारत जिसकी उपमा भारतवर्ष में और कहीं नहीं हैं। यह वर्ष के सभी भागों से लोग घूमने के लिये आते हैं। परिपाल झील के किनारे पर स्थित है। यहां पर यात्री पश्चिमी घाट पर अरब तथा हिन्द महासागर से आने जंगली जानवरों का दृश्य देखने आते हैं। हाथी, वाली हवायें वर्षा लाती है । इसलिये सदैव यह पहाड़ी जंगली भैंसे, सांभर, चीते तेंदुए तथा शेर यहां भाग हरा भरा रहता है। यहां की नदियां सरोवर, पर अपने स्वभाविक भाव से घूमते हुये दिखाई उथली झीलों तथा राज्य नहरों की सुन्दरता बढ़ाती हैं। पड़ते हैं ।

कोचीन कोचीन का देशी राज्य मद्रास प्रान्त के आधीन लगे । १६६३ ई० में कोचीन के राजा से और डच है । मलावार का जिला इस राज्य को उत्तर-पूर्व लोगों से सन्धि हो गई तो पूर्तगीज़ निकाल बाहर और पश्चिम से घेरे हुए है, दक्षिण में ट्रावनकोर किये गये । १७७६ ई० में हैदर अली ने राज्य पर का राज्य और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर है। अपना अधिकार जमाया। १७९१ ई० में राजा और कोचीन नामक नगर जो मलावार जिले में अंग्रेजी ब्रिटिश ईस्ट इन्डिया कम्पनी के बीच सन्धि हुई राज्य है और पहले इसी राज्य की राजधानी था, जिसके अनुसार कोचीन के राजा ने अंग्रेजी की उसी नगर के नाम पर इस राज्य का नाम कोचीन अधीनता स्वीकार कर ली और अंग्रेजों को सालाना पड़ा। यह राज्य ७ भागों में बँटा है। इसका क्षेत्रफल कर देने का भी बचन दिया। १४१७ वर्गमील और जन-संख्या १२०५०१६ है। हिजहाईनेस राजा श्री सर राम वर्मा , जी० सी० एस०, आई०, जी० आई०, ई०सी० १८५२ में पैदा हुए राज्य के अन्दर छिछली झीलें हैं । जो गरमी के १८९५ में वे गद्दी पर बैठे और १८१४ में उन्होंने गही दिनों में सूख जाती हैं और कभी कभी तो केवल त्याग दी। उसके पश्चत द्वितीय श्री सर राम वर्मा जी० फुट ही गहरी रह जाती हैं। इन झोलों में पानी सी० आई० ई० गद्दी पर बैठे। आप का जन्म ६ पश्चिमी घाट की छोटी छोटी नदियों द्वारा आता है। वर्षा ऋतु में इन नदियों में बहुत बाढ़ आती है और अक्टूबर १८५८ में हुआ था और २१ जनवरी १९११ महाराज में आप बड़े समारोह के साथ गद्दी पर बैठाए कभी कभी तो ये नदियां २४ घंटे में १६ फुट बढ़ गए। प्रधान मंत्री दीवान सर आर० के० सनमुखम् जाती हैं । राज्य की मुख्य नदियां पोनानी, टाटा चेट्टी के० सी० आई० ई० हैं। मँगलम, करुवानूर, सलाकूदी और अलवई हैं । राज्य कोचीन राज्य के बनों में बहुमूल्य लकड़ी पाई की मुख्य उपज चावल और नारियल है। यहां लग- जाती है । इन वनों में आवनूस, चीर और दूसरी भग ५० तरह का चावल पैदा होता है । चावल के काली लकड़ियों के वृक्ष हैं। राज्य के अन्दर बहुत सिवा कपास, कहवा, पान, ईख, मिर्च, दाल, अदरख सी सड़कें हैं और एक रेलवे लाइन शोरनार से इरना- आदि की भी उपज होती है। कुलम राजधानी तक जाती है। और जंगलों से लकड़ी कोचीन के शासक चेरामन पीरुमल के वंशज आदि को ढोने के लिये एक भाफ वाली ट्राम्बे का भी हैं। पीरू ने इस राज्य की नींव डाली । १५०२ ई० में प्रयोग होता है। पुर्तगाल वालों को राज्य में रहने की आज्ञा मिली। राज्य की सालाना आय लगभग ८० लाख रुपये उन्होंने अपने किले बनाये और वे व्यापार करने हैं।