पृष्ठ:भूगोल.djvu/१४७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१४६ मोरवी राज्य शिक्षा मुक्त यह राज्य पश्चिमी भारतीय राज्य एजेन्सी का धिराज ने गद्दी पर बैठने के पहिले ही किसानों का एक राज्य है। यह काठियावाड़ के उत्तरी भाग में सारा कर्ज माफ कर दिया था और अभी एक कानून है । इसमें यहां कच्छ की खाड़ी में एक अच्छा द्वारा किसानों को जायदादें जो कर्ज के बदले रेहन दार है और कच्छ के रन का कुछ भाग राज्य के और बै थीं वापस दिलाई गई हैं । १९२२ से १९३७ अन्दर है। इस राज्य का क्षेत्रफल १,३०,००० है। तक में महाराज ने ३० लाख लगान की माफी दी राज्य को सालाना आय ६०,००,००० रुपया है । यहां है। जबकि लगान केवल १० लाख सालाना है । फिर ज्वार, बाजरा, चना, जौ, मक्का, ऊख है। राज्य को भी एक कमेटी ऐसी बनाई गई है जो किसानों के कर्ज भूमि समतल है । यहाँ माछ नदो है जिसके किनारे की जाँच कर रही है। जब इसको जाँच खतम हो पर यहां की राजधानी मोरवी स्थित है। तटवर्ती जावेगी तो सारा किसानों का कर्ज राज्य की ओर से जलवायु अच्छी है । बाकी स्थानों पर गर्मी पड़ती अदा कर दिया जावेगा और फिर धीरे २ किस्त कर है । साल में २३ इञ्च वर्षा होती है । के किसानों से बिना किसी खर्च या सूद के वापस किया जावेगा । इसके सिवा महाराज ने अभी १७ १७२० के लगभग कयान जी कच्छ गये और लाख का एक फण्ड खोला है जिसके व्याज का रुपया उन्होंने मोरवी राज्य की नींव डाली । वर्तमान नरेश प्रजा के हित के लिये खर्च होगा। हिज हाईनेस महाराज श्री लुखधिर जी जदेजा घराने शिक्षा सम्बन्धी उन्नति यहाँ काफी हो रही है। के राजपूत हैं । जदेजा राजपूतों ने गुजरात का बालकों और बालिकाओं को प्राइमरी और सेकेन्ड्री इतिहास बनाने में बड़ा भाग लिया है । महाराजा में प्रदान की जाती है। राज्य में ९७ स्कूल श्रो लुखधिर जी १८७६ में पैदा हुये और १९९२ ई. हैं । मोरवो में मर्दी के लिये सर बाघनी हास्पिटल में अपने पिता सर वाय जी बहादुर जी० सी० आई० और महारानी श्री तन्दकुनवर्ष जनाना अस्पताल ई० की मृत्यु पर गद्दी पर बैठे । आपने भारत और लड़कों तथा स्त्रियों के लिये है। नगर में एक सिटी इङ्गलैण्ड में शिक्षा प्राप्त की। अपनो चतुरता, विद्वत्ता डिस्पेन्सरी है । इसके सिवा दूसरे प्रान्तों में दस परिश्रम और प्रजा प्रेम के कारण आप प्रजा के डिस्पेन्सरियाँ हैं। राज्य को पार से १,१०,००० ० बोच में बहुत विख्यात हो गये हैं। आप प्रत्येक सिलवर जुबली फन्ड में दिया है और ३ लाख रु० शासन-विभाग का निरिक्षण करते हैं। आपके दोनों जार्ज पंचम के सिलवर जुबलो अस्पताल के लिय पुत्र हिज हाईनेस युवराज श्री महेन्द्र सिंह जी और दिया है। अभी हाल ही में १,००,००० रु० ऐन्टी महागज कुमार श्री कालिका कुमार जी शासन प्रबन्ध सीखते हैं । और राज-काज में हाथ बँटाते हैं। टुबर क्लासिस फण्ड के लिये दिया है । नौलखो का हावर काठियावाड़ में सर्व प्रसिद्ध महाराज ने यह सोचकर कि खेती ही भारतवर्ष प्राकृतिक बन्दरगाह कच्छ की खाड़ी में स्थित है । इस का मुख्य व्यवसाय है इसकी उन्नति के लिये किसानों बन्दरगाह का सम्बन्ध राजपूताना और उतरी को सुविधा पैदा कर दो कि कृषक कुछ थोड़ा रुपया भारत से मिटर गेज रेलवे लाइन द्वारा है । १९३७ ई. देकर खेती के मौरूसी काश्तकार बन सकते हैं । में इस बन्दरगाह में ८६ सामुद्रिक ओर ५५ तटीय लगान ऐसा रक्खा गया है जिससे किसानों को अदा जहाज़ आए गए और ७५,००० टन सामान का करने में कष्ट न हो। एक ऐग्रीकलचरल बैंक खोला व्यापार हुआ । वरतानियाँ द्वीपसमूह और योरुप गया है जो किसानों को खेती की उन्नति के लिये, से जितना माल काठियावाड़ के और दूसरे तथा सिंचाई के लिये कुओं या तालाब के लिये बन्दरगाहों पर आता है उसले अधिक इस बन्दरगाह रुपया देता है । २५ लाख रुपया काल पड़ने पर प्रजा द्वारा आता है। यहां मारवी रेलवे लाइन राजकोट की सहायता के लिये अलग रख दिया है। महाराजा- और बधन के बीच है।