1 1 अङ्क १-५] टेहरी अथवा गढ़वाल राज्य १६९ बैठे । लड़कपन होने के कारण राज-प्रबन्ध एक में लार्ड मिंटो रामपुर आये और नवाब के शासन की कौंसिल के हाथ था। बड़ी प्रशंसा की। भूतपूर्व नवाब साहब का पूरा १८९३ में नवाब अपनी शिक्षा पूर्ति के लिये दुनिया नोम और उपाधि कर्नल हिज हाईनेस अलीशाह, के भ्रमण को गये । इंगलैंड में जाकर आपने महारानी फरजन्द दिलपजीर, दौलत-इँगलीशिया मुखलिसुद्दौला, विक्टोरिया से भट की। १८९४ में नवाब गद्दी पर नसीरुलमुल्क, नवाब सर मोहम्मद हामिद अली खाँ एक शासक की हैसियत से बैठाये गये। एक कौंसिल बहादुर, मुस्तैद जंग, जी० सी० आई० ई० था। राज्य शासन के लिये बनाई गई जिसके सभापति हिज हाईनेस के पास ४६६ सवार और लगभग हिज हाईनेस हुये, वाइस प्रेसीडेन्ट साहेबजादा २,००० पैदल सिपाही और २८ तोपें हैं। एक दस्ता हमीदुज्जफर खाँ, मंत्री साहेबजादा अब्दुल मजीद नवाब के पास गोरखा सैनिकों का भी है। खों, रेवन्यू मेम्बर सैय्यद अली खाँ, न्याय मेम्बर राज्य की सालाना आय ३७,०८,२७५ रु० है। सैय्यद जैनुल आवदोन बनाये गये और साहब जादा राज्य के अन्दर एक अरेविक कालेज है जहाँ भारत- अब्दुल समद खाँ हिज हाईनेस के प्राइवेट सिक्रेटरी वर्ष के कोने कोने से विद्यार्थी आते हैं। राज्य के हुये । १८९४ में हिज हाईनेस की शादी जओरा के अन्दर बहुत से हाई स्कूल और मिडिल स्कूल लड़कों नवाब हिज हाईनेस स्माइल खाँ बहादुर की पुत्री से की तालीम के लिये हैं। भूतपूर्व हिज हाईनेस स्वयं हुई । १८९६ में सलतनत की बागडोर नवाब के हाथों एक शायर थे । और बड़े योग्य व्यक्ति थे। आपकी सौंप दी गई। कौंसिल तोड़ दी गई और मिनिस्टर उदारता के कारण राज्य में शिक्षा की अच्छी उन्नति की जगह बनाई गई। १९०३ में आप दिल्ली के हुई है। रामपुर के वर्तमान शासक कैप्टेन हिज हाई- दर्वार में बुलाये गये। वहाँ कारोनेशन मेडिल आपको नेस नवाब सर सय्यद रज़ा अली खाँ बहादुर, के. मिला । इस प्रकार ब्रिटिश सरकार सभी मुख्य मुख्य सी० एस० आई०, डी० लिट, एल० एल० डी० हैं। अवसरों पर आपको बुलाती रही है। जून १९१० ई० आप १९३० ई० में पिता की मृत पर गद्दी पर बैठे। में भारतीय सेना के आप कर्नल बनाये गये । १९१० आपको १५ तोपों की सलामी दी जाती है । XXXX टेहरी अथवा गढ़वाल राज्य यह राज्य हिमालय प्रदेश में स्थित है। राज्य के महाराज भवानीसिंह को अंग्रेजों ने गोद लेने की भीतर चारों ओर पहाड़ी श्रेणियां और चोटियाँ हैं । सनद प्रदान की। यहां की मुख्य उपज चावल है। गंगोत्री और जमनोत्री पर्वत ( जहाँ से गंगा और यहां के जंगल बड़े हो बहुमूल्य हैं। बहुत लकड़ी जमुना निकलती हैं) इसी राज्य में स्थित हैं। इस बाहर भेजी जाती है। राज्य की राजधानी देहरी है राज्य और गढ़वाल जिले का इतिहास एक ही है क्यों और गर्मियों में राजधानी प्रताप नगर (जो ८००० कि दोनों पर एक ही वंश का राज्य था। यहां के फुट की ऊँचाई पर स्थित है ) हो जाती है। यहाँ के महाराज प्रद्यु मान शाह गोरखा सेना से लड़तोहुए युद्ध राजनैतिक एजेन्ट कमायूं के कमिशनर हैं । इस राज्य में मारे गए। किन्तु नैपाल युद्ध के अन्त में उनके पुत्र का क्षेत्रफल ४५०० वर्गमील और जन-संख्या को १८१५ में अंग्रेजों ने यहां का राजा बनाया। ४,७०,१०९ है। राज्य की सालाना आय लगभग १८५७ के विप्लव काल में यहां के राजा ने अंग्रेज १९,४५,००० रु० है । राज्य के वर्तमान शासक, लैपटी. सरकार की बड़ी सहायता की। १८५९ में उनकी नेन्ट कर्नल हिज हाईनेस महाराजा सर नरेन्द्र शाह मृत्यु होगई । उनके कोई पुत्र न होने के कारण भवानी के० सी० एस० आई० हैं । महाराज को ११ तोपों की शाह ( उनके निकट सम्बन्धी) गद्दी पर बैठाए गए । सलामी दी जाती है। ,
पृष्ठ:भूगोल.djvu/१७०
दिखावट