१७३ कोल्हापुर और दक्षिण के राज्य कोल्हापुर राज्य बम्बई प्रान्त में कोल्हापुर एक राज्य है। इस वे भी संकट के समय राज्य की रक्षा करेंगे। महाराज राज्य का क्षेत्रफल ३,२१७ वर्गमील और जनसंख्या ने भी यह बचन दिया कि वे किसी दूसरे राज्य पर ८५७,१३७ है। अाक्रमण न करेंगे और जब कभी भी दूसरे राज्यों से यहां के वर्तमान नरेश लैफ्टिनेन्ट कर्नल हिज़ कोई झगड़ा पड़ेगा तो अंग्रेजों की आज्ञानुसार कार्य हाईनेस श्री राजाराम छत्रपति महाराज जी० सी० करेंगे । एस०आई०, जी० सी० आई० ई०, जी० सी०वी० ओ० राज्य की मुख्य उपज, ज्वार, चावल, और गन्ना । श्राप महाराज शिवाजी के छोटे पुत्र के वंशज है। राज्य में मामूली मोटा ऊनी व सूतो कपड़ा बुना हैं। यहां के मल्लाह अंग्रेजी जहाजों को बहुधा लूट जाता है । इस राज्य में मिट्टी के अच्छे बर्तन बनाये लिया करते थे। जिसके कारण बम्बई सरकार को बाध्य जाते हैं। यह राज्य ब्रिटिश सरकार को किसी प्रकार होकर १७६५ और १७९२ ई० में अंग्रेजी सेना राज्य का कर नहीं देता है। राज्य ५ ताल्लुकों में बँटा है। में भेजनी पड़ी । अन्त में यहां के राजा ने १७८५ ई० राज्य के भीतर होकर दक्षिणी मरहठा रेलवे जाती है। के पश्चात् जितनी हानि ब्रिटिश जहाजों की हुई थी कोल्हापुर नगर धार्मिक पवित्रता के कारण उसके देने का बचन दिया और कोल्हापुर तथा माल- दक्षिणी बनारस कहलाता है। यहां सुन्दर मन्दिर हैं । बन नगरों में कारखाने खोलने की भी आज्ञा दे दी। यह नगर शिक्षा का केन्द्र है। यहां पर साहू, स्पिनिंग घरेलू झगड़े और समीपवर्ती राज्यों से झगड़ा तथा वाविंग मिल्स और चीनी बनाने के कारखाने हैं । होने के कारण यह राज्य निर्बल हो गया। १८१२ ई० कोल्हापुर बैंक उसकी शाखाएं और सिनेमा के कार- में यहां के राजा और ब्रिटिश सरकार से संधि हो गई खाने हैं। इस राज्य की मालाना श्राय ५,२५,७०,३९८ जिसके अनुसार राजा ने कुछ राज्य के बन्दरगाह रुपया है। यहां के महाराज को १९ तोपों का सलामी अंग्रेजों को दिया और अंग्रेजों ने वचन दिया कि दी जाती है। XXXX अकलकोट बम्बई प्रेसीडेन्सो में अकल कोट प्राचीन सतारा सालाना वर्षा लगभग ३० इंच है। यहां धान, बाजरा, जागीरों में से है । यह राज्य उत्तर-पूर्व और दक्षिण ईख, चना, गेहूं, अल्सी आदि की पैदावार होती है। में निजाम के राज्य से घिरा है। और पश्चिम में लोगों का मुख्य व्यवसाय खेतो है । शोलापुर का जिला है । इस गज्य का क्षेत्रफल ४९८ अठारवीं सदी के आरम्भ में सतारा के महाराज वर्गमील है और जन-संख्या लगभग ८९,०८२ है। साहू ने अकलकोट को एक मरहठा सरदार को जागीर राज्य की भूमि अच्छी और उपजाऊ है। यहां में दिया । वर्तमान राजा उसी मरहठा सरदार के जंगल और पहाड़ नहीं हैं। इस राज्य में होकर प्रट वंशज हैं। पहले ये सरदार सतारा को समय पड़ने इन्डियनपेनिन् सुला रलवे जाती है। नदियां कई एक पर घुड़सवार दिया करते थे। किन्तु जब १८४९ में हैं। किन्तु सभी इतनी छोटी हैं कि उनमें साल भर ब्रिटिश सरकार ने सतारा को ले लिया तो अकलकोट पानी नहीं रहता। राज्य की जलवायु सुहावनी है। के राजा अंग्रेजों के आधीन हो गए और घुड़सवारों
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