अङ्क १-५] जामखण्डी तथा जागीरदार कहलाते हैं । और दक्षिण में वे देता है । १५०० रु० पंथ प्रतिनिध औंध के जागीर- प्रथम श्रेणी के राजों में गिने जाते हैं। यहाँ के दार को भी यह राज्य कर देता है । यहां के वर्तमान शासकों को गोद लेने की सनद प्राप्त है। १८७४ ई० नरेश, राजा श्रीमन्त विजयसिंह राव रामराव से यह राज्य ब्रिटिश सरकार के आधीन आया तब हैं। श्राप १२ जनवरी १९२९ में गही पर बैठे । से बराबर यह राज्य अँग्रेजों का दोस्त बना रहा । यह आप तीसरे गोलमेज़ कानफ्रेन्स में इंगलैण्ड राज्य ब्रिटिश सरकार को ६,००० रु० सालाना कर गये थे। सावन्तवादी राज्य बम्बई प्रान्त में यह एक राज्य है। यहाँ का लुटेरों ने लूटा और राज्य में बड़ी गड़बड़ी पैदा कर दी। क्षेत्रफल ९२५ वर्गमील और जन-संख्या २,१७,२४० यहाँ के वर्तमान नरेश पंचम खेम सावन्त हैं है । इस राज्य की सालाना आय लगभग ५,५०,००० जिनको बापू साहब भौंसला भी कहते हैं। राज्य की रुपया है। राज्य गोवा पुर्तगाली राज्य उत्तर में है। मुख्य उपज चावल है, चीड़ के बन राज्य के भीतर राज्य के अन्दर देखने योग्य दृश्य पाए जाते हैं। बहुत हैं । यहाँ के मरहठा निवासी भारतीय सेना यहाँ के लेखों द्वारा पता चलता है कि इस राज्य का में भरती होते हैं और अच्छे सैनिक होते हैं। इस इतिहास छठवीं शताब्दी से प्रारम्भ होता है। राज्य की राजधानी सावन्तवादी या सुन्दर वादी या उन्नीसवीं शताब्दी में यहां के बन्दरगाहों को सामुद्रिक केवल वादी के नाम से प्रसिद्ध है।
जसदान यह गुजरात प्रान्त में एक राज्य है। जसदान यहाँ पर लड़कों और लड़कियों की शिक्षा के लिये नगर का नाम स्वामी यशताना जो सतरप वंश के स्कूल हैं । राज्य में प्रजा की सुविधा के लिये औष- थे, उन्हीं के नाम पर पड़ा है । जूनागढ़ में जब गौरी धालय भी हैं । इस राज्य का क्षेत्रफल २९६ वर्गमील वंश का राज्य था तो यहाँ एक मजबूत किला बनाया और जन-संख्या ३६,६३२ है । इस राज्य की सालाना गया था और इसका नाम गोर गढ़ रक्खा गया श्राय लगभग ६ लाख है। यहाँ के वर्तमान शासक था। राज्य में रेलवे लाइन व सड़कें इत्यादि हैं। दरबार श्री बाला खाचर हैं।
जामखण्डी यह कोल्हापुर एजेन्सी का एक राज्य है। यह मरहठा प्रदेश में प्रथम श्रेणी में इनकी गणना होती राज्य बम्बई प्रान्त में स्थित है। इस राज्य का क्षेत्र- है। इन को अप्पा साहब पटवर्धन कहते हैं। यहां के फल ४९८ वर्गमील और जन-संख्या ११,४२,८२० है। शासकों को गोद लेने की सनद प्राप्त है। यह राज्य इस राज्य की सालाना आय ९,१६,००० रुपया है। अँगरेजों को २०,८४१ रु० सालाना कर देता है। यहाँ इस राज्य की मुख्य उपज गेहूँ, कपास, बाजरा, और के नरेशों को अपने राज्य के सभी प्रकार के मुकदमों अरहर इत्यादि हैं । इस राज्य में खहर, गाढ़ा और के करने का अधिकार मिला है । यहाँ के वर्तमान कम्बल बनाए जाते हैं। राज्य में बालक और बालिकाओं शासक राजा श्रीमंत शङ्कर राव परशुराम राव, को शिक्षा के पाठशालाएँ तथा अंग्रेजी और मिडिल अप्पा साहब पट वर्धन है। स्कूल हैं । यहां के शासक ब्राह्मण हैं और दक्षिण