-- । यहां के (३०) है। इसको श्रामदनी १२,००० रुपया है। यह राज्य मनवाओ-यह काठियावाड़ के सोरठ प्रदेश में एक १,४५० रुपया ब्रिटिश सरकार को कर देता है। यहां के राज्य है। यह अमरेली से २० मोल दक्षिण है। इसका ठाकुर साहब के यहां ७५ सिपाही रहते हैं। क्षेत्रफल ५ वर्गमील और जन संख्या ६०० है । इसकी श्राय महरम -खासी पहाड़ियों का एक छोटा राज्य है । २,००० रु. है । यह १४६ रु. बड़ौदा को और २४ रु. इसकी जन-संख्या ८,००० और आमदनी १,००० रुपया जूनागढ़ को कर देता है। है। काली मिर्च, तेजपात, धान, गन्ना, तम्बाकू, भालू. माओदोन-यह अासाम में खासी पहाड़ियों का एक मका, अदरख दारचीनी यहां की उपज है, पत्थर और लोहा राज्य है । इसकी जन-संख्या ४०० है । ज्वार, बाजरा, तेज- भी है। यहां के राजा सेम कहलाते हैं। पात, शरीका, नारंगी, सुपारी और मिर्च यहाँ की उपज है। महुवा-काठियाड़ के हालार का एक राज्य है। इसका यहाँ चूने का पत्थर और कोयला भी निकलता है। यहां के क्षत्रफल ७६ वर्गमील और जन-संख्या ३०० है, इसको शासक को सरदार कहते हैं। आमदनी २,००० रुपया है। यह राज्य १२० रुपया ब्रिटिश माओइअोंग-श्रासाम की खासी पहाड़ियों का एक सरकार को और ३८ रुपया सूनागढ़ को कर देता है। राज्य है । इसकी जनसंख्या १८०० और आमदनी ५०० मनीपुर-अासाम के पूर्व में एक पहाड़ो राज्य है। रु. है । धान, ज्वार, बाजरा, कपास, शहद, मोम, यहाँ की इसका क्षेत्रफल ८,६२० वर्गमील और जन-संख्या ४,४५,००० उपज है। यहाँ ने का पत्थर भी निकाला जाता है । यहाँ है। इसकी आमदनी ८०,००० रु० है। यहां ५,३४६ पैदल के शासक सेम कहलाते हैं। ४०० घुड़ सवार, ५० तेोपखाने के सिपाही हैं। इनके माओसान राम-यह अासाम की खासी पहाड़ियों अतिरिक्त यहां ७०० कूकी फिरके के सिपाही में एक छोटा राज्य है । इसकी जन-संख्या १२०० और राजा के पूर्वज नागा बहारियों से आये थे। १७१४ ई० प्रामदनी ४०० रु ० है। ज्वार, बाजरा, पालू , हलदी, में गरीब नेवाज नाम का पहला नागा राजा हुआ। वह अदरख, शहद यहां की उपज है। यहां चूने का पत्थर, हिन्दू हो गया। १८७६ की नागा लड़ाई में यहां के राजा कोयला और लोहा भी पाया जाता है। यहां के शासक ने ब्रिटिश सरकार की बड़ी सहायता की। सियेम कहलाते हैं मरिश्राओ, यह खासी पहाड़ियों का एक राज्य है। मन्सा-गुजरात के मही कान्त का एक राज्य है। इसकी जन-संख्या ४००० और आमदनी २०० रु. है इसकी जन-संख्या १२,००० और प्रामदनो ५०,००० रु. धान, ज्वार, बाजरा, मका, और गन्ना यहां की उपज है। । यह राज्य ११,७५० रु. बड़ौदा को कर देता है। यहां यहां के शासक सियेम कहलाते हैं। के ठाकुर राजपून हैं। मठवर-यह मध्य भारत की भोपावर एजेन्सी में एक मालिया-यह काठियावाड़ की हाजार एजेन्सी का राज्य है। इसका क्षेत्रफल १२६ वर्गमील और जन-संख्या एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल १०३ वगमीज और जन- ३,००० है। यहां के ठाकुर किसी प्रकार का कर नहीं देते संख्या १२,००० है। इसको श्रामदनी ७०,००० रु. है। हैं। सालाना आय १४ हजार रुपया है। यह राज्य १,३६७ रु० बड़ौदा और जूनागढ़ को कर देता मटरा टिम्बा-यह काठियावाड़ के झालावार का । ज्वार, बाजरा, गेहूँ, कपास, गन्ना यहां की उपज है। एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल ६ वर्गमील और जन-संख्या यहां के ठाकुर राजपून हैं और कच्छ राजवंश के सम्बन्धी ५०० है । इसकी श्रामदनी १,५०० है । यह राज्य २६० हैं । यह राज्य काठियावाड के चौथी श्रेणी के राज्यों में गिना रु. ब्रिटिश सरकार के। और १७२ १० जूनागढ़ को कर जाता है। देता है। मलपुर-यह गुजरात के मही कान्त का एक राज्य मिटगनी-यह काठियावाड़ के हालार प्रदेश का एक है। इसको जन-संख्या ११,००० और प्राय १२,००० ० राज्य है और राजकोट से १५ मोल दक्षिण की ओर स्थित है । यह राज्य ४३० रु० ब्रिटिश सरकार को ३६२ रु० ईदर है। इसका क्षेत्रफल ३४ वर्गमील और जन-संख्या ४,००० के राव को और २८० रु ० बड़ौदा को कर देता है। यहां के है। इसकी श्राय २५,००० रु. है। यह ३,४१२ रु. रावल राजपूत हैं । इनका ईदर राजवंश की एक शाखा ब्रिटिश सरकार को कर देता है। । ।
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