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पृष्ठ:भूगोल.djvu/५६

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अंक १.५] गजपूताना राना ने मराठों को रोकने के लिये अँग्रेजों से सन्धि सिपाऊ और राजग्वेड़ा धौलपुर के महाराज गना कर ली १७८१ में धौलपुर और अंग्रेजों की फौज ने धौलपुर को मिल गये । धौलपुर का क्षेत्रफल १२२१ मिलकर ग्वालियर फिर जीत लिया । लेकिन गोहद वर्गमील और जनसंख्या २,५५,००० है। यहां की और ग्वालियर अन्त में १८०५ ई० में सिन्धिया आमदनी १७,७०,००० ०० है । यहां के महाराज राना महाराज को लौटा दिये गये । धौलपर बारी, बसेरू, को १७ तोपों की मलामी मिलती है।

झालावार यह राज्य राजपूताना के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। वर्गमील और जनसंख्या १,०८,००० है । इमकी आम- इसके दो भिन्न भिन्न भाग हैं। इसका क्षेत्रफल ८१३ दनी ८ लाख है। यहां के राजा झाला राजपूत हैं। करौली चम्बल नदी इस राज्य की दक्षिणी-पूर्वी सामा आदि पेड़ पाये जाते हैं । यहाँ के जङ्गलों में नीलगाय, बनाती है और इसे ग्वालियर राज्य से अलग करती शेर, रीछ, सांभर, हिरन आदि पाये जाते हैं। इम है। करौली राज्य के दक्षिण-पश्चिम में जैपुर राज्य राज्य की भूमि हलकी है। केवल चम्बल के तट की है। इसके उत्तर-पूर्व में भरतपुर, धौलपुर और जैपुर भूमि अच्छी है । यहाँ धान की ही मुख्य पैदावार है। गज्य हैं । इम का क्षेत्रफल १२४२ वर्ग मील और वहीं बाजरा और बार की भी अच्छी खेती होती है। जनमंख्या १,४१.००० है। गेहूँ, जो. चना, तम्बाकू, करौली नगर के समीप भाँग और गाँजा काफी मात्रा यहां की प्रधान उपज है । इसकी आमदनी ६ लाख में पैदा होती हैं । जब बड़े तालाब सूख कर उथले हो रु. है। यहां के महाराजा को १७ तोपों की सलामी जाते हैं तब उनमें धान लगा दिया जाता है। यहाँ का दी जाती है। मुख्य व्यवसाय खेती है । रंगरेजी, मंगतराशी. लकड़ी यहाँ ऊँची नीची पठारी भूमि को "दॉग' कहते और सूत का भी थोड़ा बहुत काम होता है। चावल, हैं । यहाँ की मुख्य पहाड़ियों उत्तरी सरहद पर हैं कपाम और बकरियाँ बाहर भेजी जाती हैं। नमक, जो ममुद्र तल से ५४८० फुट ऊँची हैं। चम्बल नदी चीनी. कपड़े. बैल और दूमग पक्का माल बाहर में कहीं तो गहरी और मन्दवाहिनी है और कहीं पहाड़ो अाता है। राज्य की सालाना आय ७.१०.००० रुपया प्रदेश में बहुत तेज बहती है । पचनद, कालीसूर दान- है । इस राज्य में साल में ३० इञ्च पानी बरसता है । गिर जिरोता आदि दूसरी नदियाँ हैं । गरमी के दिनों में चम्बल नदी की घाटी को जलवायु खराब हो जाती संक्षिप्त इतिहास है। इसलिये यहां के निवासी अपने जानवरों के करौला राज्य के शासक अर्जुन पाल यादव साथ चम्बल नदी के तट पर चले जाते हैं। चम्बल गजपूत हैं। ये लोग अपने को कृष्ण भगवान की का पानी अच्छा नहीं है। विन्ध्या का श्रेणियाँ सन्तान बतलाते हैं। इस जाति के लोग ब्रज, मथुरा कैमूर और रेखा है। विन्ध्या की श्रेणियों में मकान के पास पास में रहते है। किमी समय वियाना इन्हीं बनाने के अच्छे पत्थर मिलते हैं। फतेहपुर सीकरी के कब्जे में था जो १०५३ ई० में अंग्रेजों के हाथ और आगरा के ताजमहल का कुछ भाग यहां के चला गया। १४५४ ई० में करौली को मालवा के भांडेर पत्थर का ही बना है। चम्बल नदी के ऊपर बादशाह महमूद खिलजी ने अपने प्राधीन किया था। जङ्गल हैं जहाँ ढाक, गरजन, साल, नीम, धाव किन्तु जब अकबर ने अपने मालवा पर अधिकार o