पृष्ठ:भूगोल.djvu/७६

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- अङ्क १-४] रीवा राज्य शासन-प्रबन्ध दीगर पाठशालाएँ हैं । रीवा राजधानी में एक इण्टरमिडियेट शासन-प्रबन्ध के सङ्गठन के लिए रीवा राज्य किसी देशी कॉलेज, एक बालिका हाई स्कूल, वेद पाठशाला, संस्कृत राज्य से कम नहीं है। राज्य के बेडौल विस्तृत और पहावी पाठशाला और एक औद्योगिक पाठशाला है । सतना में भी जङ्गली होने पर भी उसका सङ्गठन प्रशंसनीय रूप से किया हाई स्कूल है। इस विभाग का कार्य एक डाइरेक्टर के गया है। इसके लिये राज्य पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी तीन निरीक्षण में होता है, जिसके अधीन प्रत्येक जिले में तीन जिलों और १२ तहसीलों में बाँटा गया है। ब्योहारी, डिपुटी इन्स्पेक्टर कार्य करते हैं। यह विभाग भी फाइनेंस गोपद-बनास, देवशर और सेंगरौली तहसील पूर्वी जिले में, मिनिस्टर के अधीन है। राज्य का इंजिनियरिङ्ग विभाग ही पुष्पराजगढ़, बान्धवगढ़ और सोहागपुर दक्षिणी जिले में पी. डब्लू० डी० का काम करता है। राज्य भर में २२ और हुजूर तहसील (रीवा), रघुराजनगर, मऊगंज, अस्पताल भी हैं। रीवा शहर में एक बड़ा अस्पताल और शिरमौर और त्योंथर तहसील उत्तरी जिले में हैं। गोपद एक जनाना अस्पताल भी है। वह विभाग एक स्टेट बनास तहसील का मुख्य स्थान सीधी, हुजूर तहसील का सर्जन के अधीन है। रीवा और सब का वही है जिस नाम से तहसीलें प्रसिद्ध रेवेन्यू, फाइनेन्स, इन्डस्ट्रीज, पोलिटिकल और । पूर्वी ज़िले का मुख्य स्थान सीधी, दक्षिणी का उमरिया जुडिशल मिनिस्टरों तथा वाइस-प्रेसीडेण्ट की काउन्सिल के और उत्तरी का रीवा है। प्रत्येक तहसील के माल विभाग सहयोग से महाराजा साहब बहादुर राज्य भर का शासन का उत्तरदाता तहसीलदार और जिले का डिपुटी कमिश्नर करते हैं। है। डिपुटी कमिश्नरों के अपर रेवेन्यू मिनिस्टर हैं । इन के एक राज्य-परिषद भी है जिसका अधिवेशन विजय- अधीन जङ्गल विभाग भी है। इस विभाग की सर्वोच्च दशमी और होली में होता है। इस के मेम्बर सब राजकीय अदालत रेवेन्यू बोर्ड महाराजा साहब बहादुर की निगरानी ( नामजद ) होते हैं। चुने नहीं जाते। में अपना काम करती है। सार्वजनिक जीवन न्याय के लिये कई ऑनरेरी मजिस्ट्रेट, डिपुटो मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और प्रत्येक जिलों में सेशन जज नियुक्त राज्य भर में सार्वजनिक जीवन की कमी है। रीवा-नगर हैं। इनके ऊपर चीफ कोर्ट है इस में तीन माननीय जज के अतिरिक्त सतना उमरिया आदि अधिकांश रेलवे स्टेशन बैठते हैं । यहाँ की चीफ कोर्ट छान-बीन पूर्वक न्याय के लिये छोटे-छोटे शहर हैं। पर जो कुछ जागृति के लक्षण दिखाई प्रसिद्ध है। चीफ जज लाल शङ्कर सिंह कानून के धुरन्धर देते हैं, थोडे-बहुत रीवा ही में हैं। शहर की सब से पुरानी विद्वान हैं । चीफकोर्ट की अपील महाराजा साहब को इजलास संस्था बाल-समिति सामाजिक, शिक्षा सम्बन्धी और में होती है जिसकी निगरानी कानून के विद्वानों की एक साहित्यिक कार्य कर रही है । रघुराज-साहित्य-परिषद जुडिशल कमेटी करती है । न्याय विभाग की यही अन्तिम साहित्यिक कार्य में संलग्न है। वेंकट-विद्या-सदन सरकारी अदालत है और अपने निर्भीक न्याय के लिये प्रसिद्ध है। वाचनालय और संग्रहालय है। यहाँ का अनाथालय एक प्रजा के जान-माल की रक्षा के लिये राज्य भर में सुसङ्गठित संस्था है। कहते हैं यहाँ एक कांग्रेस-कमिटी भी है। बहुत से थाने हैं, जिन में ट्रेण्ड सब-इन्स्पेक्टर रहते हैं। पर इन सब का कार्य रीवा नगर तक ही परिमित है। गांवों इनके ऊपर सरकिल इन्स्पेक्टर और तीन जिलों में तीन की खबर लेने वाला कोई सङ्गठन नहीं है । राज्य की ओर पुलिस सुपरिटेन्डेंट हैं । इनके ऊपर इन्स्पेक्टर जनरल पुलिस से एक 'प्रकाश' साप्ताहिक पत्र भी निकलता है। रीवा-नगर है, जो फाइनेंस मिनिस्टर के सामने उत्तरदाता है। सेना में में सामाजिक और नैतिक जागृति से अधिक साहित्यिक पैदल, रिसाला, तोपखाना और ट्रांसपोर्ट है। सेना का मुख्य जागृति ही अधिक है। शेष राज्य में तो यह भी नहीं हैं। अफसर चीफ दि जनरल स्टाफ कहा जाता है और यह भी सारांश यह कि सार्वजनिक जीवन के कार्य भी यहाँ जो कुछ फाइनेंस मिनिस्टर के सामने उत्तरदाता है। दिखाई देते हैं वे अधिकांश में यहाँ की सरकार द्वारा ही शिक्षा के लिये राज्य भर में २६ मिडिल स्कूल, ८ लोअर किये हुए हैं। यहाँ की जनता अपने आप कुछ न कर के डिल स्कूल, १०२ प्राइमरी स्कूल, १० इमदादी और कुछ सभी कार्य के लिए सरकार पर निर्भर रहती है। अभी, - - 1