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पृष्ठ:भूतनाथ.djvu/२४३

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भूतनाथ ११६ भूतनाथ को देख कर बहुत रज हुप्रा और कहे शब्दो को बौछार करते हुए उसने भूतनाथ को निकल जाने के लिए कहा।

  • दूसरा भाग समाप्त *

२५ वा संस्करण [१२०० प्रति १६७०ई० लहरा प्रेस, वाराणसी।