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पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/१८६

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[ ९५ ] संभावना लक्षण-दोहा "जु यों होय तो होय इमि" जहँ संभावन होय । ताहि कहत संभावना कवि भूपन सब कोय ॥ २६९ ।। उदाहरण-कवित्त मनहरण लोमस की ऐसी आयु होय कौन हू उपाय तापर कवच जो करनवारो धरिए । ताहू पर हूजिये सहसवाहु ता पर सहस गुनो साहस जो भीमहू ते करिण ।। भूपन कहें यों अवरंगजू सों उमराव नाहक कहौ तौ जाय दच्छिन में मरिए । चले न कछू इलाज भेजियत वेही काज ऐसो होय साज तो सिवा सों जाय लरिए ।। २७० ॥ मिथ्याध्यवसित लक्षण-दोहा झूठ अरथ की सिद्धि को झूठी बरनत आन । मिथ्याध्यवसित कहत हैं भूपन सुकवि सुजान ।। २७१ ।। उदाहरण-दोहा पग रन मैं 'चल यों से ज्यों अंगद पग ऐन । धुव सो भुव सो मेरु सो सिव सरजा को वैन ॥२७२ ।। १ इसमें शिवाजो के विषय में झूठी बातें झूठी उपमाओं द्वारा कही गई जैसा कि भपणजो ने लक्षण में साफ लिख दिया है। १२