पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/२१३

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[ १२२ ] लिय घरि मोहकम' सिंह कहँ अरु किशोर नृपकुम्म । श्री सरजा संग्राम किय मुम्मिम्मधि करि धुम्म ।। भुम्मिन्मधि क्रिय धुम्मन्मडि रिपु जुम्मम्मलिकरि” । जंगनगरजि उतंगग्गरव मतंगगन हरि ॥ लक्खक्खन रन दक्खक्खलनि: अलक्ख- स्विति 'भरि । मोलल्लाह जल नोलल्लरि बहलोललिय'४ धरि ॥ ३५६ ॥ १ ठं० २६१ का नोट देखिए। २ नृप कुमार किशोर सिंह, कोटा नरेश महाराज मात्र सिंह के पुत्र थे । दक्षिण में ये नुगटों की ओर से लड़ने गम। वहीं शिवानी ने मां इन लड़ाई हुई होगी। सन् १६८८ ई. तक वेदांग में लडे । नहेरी के युद्ध में इनका . पकड़ा जाना ३ भूमि में। ४ धून छादित कर। "जुन्ना (मुंह ) मल कर। ६नंग में गरज कर। ७ कै गर्ववाले। ८ हाथियों के नमूह । ९,१०,११ लान्छों दक्ष खुलन ने लग (भर के) रण (में) अनक्षित पृथ्वो मर दी । पृथ्वी नहीं दिखाई देवी यो, केवल मृत योदा दिखाई देते थे। १२. मोट लेकर। १२ नदल (नई तरह ) लड़ कर । १४ पाछे से दढ़ कर दहटोल के दादर पहुँच कर शिवाजी ने उसे नाव लिया। छन्द में मार्च सन् १६७३ वाले पनाले के युद्ध तथा १६७२ बाले सलहेरि के युद्ध