पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/२३७

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. [ १४६ ] मल्लारि' नारि धम्मिल' नहिं बंधहि ॥ गिरत गम्भ कोटे गरम चिंजी चिंजा" डर । चालकुंड६ दलकुंड गोलकुंडा संका उर । भूपन प्रताप सिवराज तव इमि दच्छिन दिसि संचरहि । मधुरा धरेस धकधकत सो द्रविड़ निविड़ उर दवि डरहि ॥३२॥ कवित्त मनहरण अफजल खान को जिन्हों ने मयदान मारा वीजापुर गोल- कुंडा मारा जिनआज है। भूपन भनत फरासीस त्यों फिरंगी मारि हवसी तुरक डारे उलटि जहाज है ॥ देखत मैं रुसतम' उसको पार्थना पर शिवाजी ने सन् १६७७ के लगभग रानी का अधिकार ठोक कर दिया । सन् १६६४ में इन्होंने विदनूर नीता भी था । १ मलावार वासी। .२ फूल मोती आदि से गुथे हुए वाल। ३ गर्भ । ४ किले के भीतर हो, कोट गर्भ में हो। ५ लड़की लड़का । इसका प्रयोजन जिंजी से नहीं है, क्योंकि जिंजी का वास्त. विक नाम चंडी था नो शब्द चिंजी चिंजा से संबद्ध है। ६ चाल एक बंदरगाह है । इसके पात सन् १५३१ ई. के लगभग ईसाइयों ने एक किला बनवाया था। ७ डल कश्मीर में एक बड़ी झील है। ८ अब इसे मदुरा कहते हैं और यह मदरास में एक ज़िला है। इसमें पापाण के परम श्रेष्ठ शैव मन्दिर है । ९ रुस्तमें जमा । देखिए शि० भ० छं० नं० २३९ का नोट ।