(५) हुमायूँनामा अनुवादक-श्रीयुक्त बा० ब्रजरनदास प्रसिद्ध मुगल सम्राट् हुमायूँ ने कोई आत्मचरित नहीं लिखा था; पर इस त्रुटि की पूर्ति उसकी सौतेली वहन गुलबदन बेगम ने कर दी थी। वेगम ने फ़ारसी भाषा में हुमायूँ की एक जीवनी लिखी थी जो "हुमायूँनामा" के नाम से प्रसिद्ध है। यह पुस्तक उसी का अनुवाद है। इसमें राजनीतिक घटनाओं, युद्धों और विजयों आदि का तो थोड़ा वर्णन है, पर गार्हस्थ जीवन की वातें बहुत दी गई हैं। मूल्य १॥) (६) प्राचीन मुद्रा श्रीयुक्त वा० रामचंद्र वर्मा श्रीयुक्त राखालदास वंद्योपाध्याय के "प्राचीन मुद्रा" नामक बँगला ग्रंथ का हिंदी अनुवाद । इसमें भारत के सब से प्राचीन सिकों, विदेशी सिकों के अनुकरण पर बने हुए सिकों, गुप्त सम्राटों के सिक्कों, सौराष्ट्र तथा मालव के सिक्कों, और दक्षिणापथ तथा उत्तरापथ के पुराने सिक्कों का पूरा पूरा विवरण दिया गया है; और यह बतलाया गया है कि उनसे क्या क्या ऐती- हासिक वातें ज्ञात अथवा सिद्ध होती हैं। अंत में सैकड़ों सिक्कों के चित्रों के प्रायः २० प्लेट हैं। मूल्य ३) प्रकाशन मत्री नागरीप्रचारिणी सभा, बनारस सिटी ।
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