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मतिराम-ग्रंथावली


भाइयों में मतिराम, चितामणि तथा जटाशंकर भी थे। फेर भी हिंदी के विद्वानों में यह बात बहुत काल से ऐसी ही प्रसिद्ध है । कुछ मत देखिए- १. वंश-भास्कर (सूर्यमल्ल)- भूषण मतिराम चितामणि यथा-"जेठो भ्रात भूषण रु मध्य मतिराम, तीजो चिंतामनि बिदित भए ये कविता-प्रबीन ।" "बुंदेलन भूमै ब्रज-भाषा कबि बिप्र तीन ।" २. पराक्रमी हाड़ाराव (लज्जाराम मेहता)- भूषण मतिराम चितामणि ३. मुंशी देवीप्रसादजी (मुंसिफ़, जोधपुर) के १४-५–२१ के पत्र का अंश-भूषण बड़ा, मतिराम छोटा और सबसे छोटा चिंतामणि यह मैंने भी सुना है।" ___४. मनोहरप्रकाश (रसराज की टीका), सं० १९५२ का छपा, हरिदान-कृत-"ईश्वर-इच्छा से ऐसा ही हुआ, तब उन चारो के नाम (१) चिंतामणि, (२) भूषण, (३) मतिराम और (४) जटाशंकर रक्खे गए।" ५. शिवसिंहसरोज सं० १९३४ का छपा, शिवसिंह-कृत- (१) चितामणि, (२) भूषण, (३) मतिराम, (४) जटाशंकर । ६. मिश्रबंधु-विनोद और हिंदी नवरत्न (मिश्रबंधु)- चिंतामणि भूषण onommunita HPANDnemal