पृष्ठ:मध्यकालीन भारतीय संस्कृति.djvu/२५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

. ( १ ) मिस्टर ई० वो हैवेन्त का कथन है-'यूरोपीय चित्र मानो पर हुए हों, ऐसे प्रतीत होते है, क्योंकि वे लोग कंदन पात्रि मौका चित्रण जानते थे भारतीय चित्रकला अंतरिन में कर श्यों को नीचे पृथ्वी पर लाने के भाव और नौदर्य को प्रकट करती है। बंगाल की आधुनिक चित्र-शैली अजंटा की प्राचीन की तरफ झुकी हुई है।