( १६२ ) ३ सामान्य संकेतार्थ कर्ता-पुल्लिंग ( स्त्री०) १-३-मैं होता ( होती) हम होते (होती) ३२३-दूसरे वर्ग के छओं कत वाच्य काल वर्तमान- कालिक कृदंत के साथ "होना” सहकारी क्रिया के ऊपर लिखे पाँचों कालों के रूप जोड़ने से बनते हैं। (१) सामान्य संकेतार्थ काल वर्तमानकालिक कृदंत को कर्ता के पुरुष-लिंग-वचनानुसार बदलने से बनता है। इसके साथ सहकारी क्रिया नहीं आती; जैसे, मैं आता, हम आते, वे आतीं। (२) सामान्य वर्तमानकाल वर्तमानकालिक कृदंत के साथ स्थितिदर्शक सहकारी क्रिया के सामान्य वर्तमानकाल के रूप जोड़ने से बनता है; जैसे, मैं आता हूँ, वह आती है, तुम आती हो। (३) अपूर्ण भूतकाल बनाने के लिए वर्तमानकालिक कृदंत के साथ स्थितिदर्शक सहकारी क्रिया के सामान्य भूत- काल के रूप ( था ) जोड़ते हैं; जैसे, मैं आता था, तू आती थी, वह आती थी, वे आती थीं। (४) वर्तमानकालिक कृदंत के साथ विकारदर्शक सह- कारी क्रिया के संभाव्य भविष्यत्-काल के रूप लगाने से संभाव्य वर्तमानकाल बनता है; जैसे, मैं आता होऊ, वह आता हो, वे आती हो।
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