पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दूसरा भाग शब्द-साधन तीसरा परिच्छेद व्युत्पत्ति पहला अध्याय विषयारंभ ३५०-शब्द-साधन के तीन भाग हैं-वर्गीकरण, रूपां- तर और व्युत्पत्ति । इनमें से पहले दो विषयों का विवेचन पहले हो चुका है। अब व्युत्पत्ति अर्थात् शब्द-रचना पर विचार किया जायगा। ३५१-एक ही भाषा के किसी शब्द से जो दूसरे शब्द बनते हैं, वे बहुधा तीन प्रकार से बनाये जाते हैं। किसी किसी शब्द के पूर्व उपसर्ग लगाने से नये शब्द बनते हैं। किसी किसी शब्द के पश्चात् प्रत्यय लगाकर नये शब्द बनाये जाते हैं; और किसी किसी शब्द के साथ दूसरा शब्द मिलाने से नये सामासिक शब्द तैयार होते हैं। ३५२-प्रत्ययों से बने हुए शब्दों के दो मुख्य भेद हैं--कृदंत और तद्धित। धातुओं से परे जो प्रत्यय लगाये जाते हैं, उन्हें .