पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/२१

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उ+ऊ = ऊ——लघु+ऊर्मि = लघूर्मि।

ऊ+ऊ = ऊ——भू+ऊर्ध्व = भूर्ध्व।

ऊ+उ = ऊ——वधू+उत्सव = वधूत्सव।

४४--यदि अ वा आ के आगे इ वा ई रहे तो दोनों मिलकर ए; उ वा ऊ रहे तो दोनों मिलकर ओ; और ऋ रहे तो अर् हो जाता है। इस विकार को गुण कहते हैं।

उदाहरण

अ+इ = ए——देव+इंद्र = देवेंद्र।

अ+ई = ए——सुर+ईश = सुरेश।

आ+इ = ए——महा+इंद्र = महेंद्र।

आ+ई = ए——रमा+ईश = रमेश।

अ+उ = ओ——चंद्र+उदय = चंद्रोदय।

अ+ऊ = ओ——समुद्र+ऊर्मि = समुद्रोर्मि।

आ+ उ = ओ——महा+उत्सव = महोत्सव।

आ+ऊ = ओ——महा+ऊरु = महोरु।

अ+ऋ = अर्——सप्त+ऋषि = सप्तर्षि।

आ+ऋ = अर्——महा+ऋषि = महर्षि।

४५--अकार वा आकार के आगे ए वा ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ; और ओ वा औ रहे तो दोनों मिलकर औ होता है। इस विकार को वृद्धि कहते हैं। यथा--

अ+ए = ऐ——एक+एक = एकैक।

अ+ऐ = ऐ——मत+ऐक्य = मतैक्य।