हैं; जैसे, 'दूध' से 'दूधवाला', 'दुधार', 'दुधिया' इत्यादि । कभी कभी दो या अधिक शब्दों के मेल से एक नया शब्द बनता है; जैसे, गंगा-जल, चौकोन, रायपुर, त्रिकालदर्शी ।
एक शब्द से दूसरा नया शब्द बनाने की प्रक्रिया को व्युत्पत्ति कहते हैं।
'७०---वाक्य में, प्रयोग के अनुसार, शब्दों के आठ भेद होते हैं---
(१) वस्तुओं के नाम बतानेवाले शब्द...............संज्ञा।
(२) वस्तुओं के विषय में विधान करनेवाले शब्द......क्रिया ।
(३) वस्तुओं की विशेषता बतानेवाले शब्द.........विशेषण ।
.(४) विधान करनेवाले शब्दों की विशेपता बतानेवाले शद्ध... .......क्रियाविशेषण ।
(५.) संज्ञा के बदले आनेवाले शब्द ..................सर्वनाम ।
(६) क्रिया से नामार्थक शब्दों का संबंध सूचित करनेवाले शब्द...........................संबंध-सूचक ।
(७) दो शब्दों वा वाक्यों को मिलानेवाले शब्द समुच्चय-बोधक ।
(८) मनोविकार सूचित करनेवाले शब्द.....विस्मयादिबोधक ।
७१-रूपांतर के अनुसार शब्दों के दो भेद होते हैं---
(१) विकारी, (२) अविकारी। अविकारी शब्दों को बहुधा अव्यय कहते हैं।
(१) जिस शब्द के रूप में कोई विकार होता है, उसे "विकारी शब्द कहते हैं ।