पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/३२

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( २६ ) लड़का-लड़के लड़कों, लड़को । देख-देखना, देखा, देखू , देखकर । (२) जिस शब्द के रूप में कोई विकार नहीं होता, उसे अविकारी शब्द वा अव्यय कहते हैं; जैसे, परंतु, अचा- लक, बिना, बहुधा, हाय । ___७२-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं; और क्रियाविशेषण, संबंध-सूचक, समुच्चय-बोधक और विस्मयादि-बोधक अविकारी शब्द वा अव्यय हैं। . ७३---व्युत्पत्ति के अनुसार शब्द दो प्रकार के होते हैं- (१) रूढ़ और ( २ ) यौगिक। . - (१) रूढ़ उन शब्दों को कहते हैं जो दूसरे शब्दों के योग से नहीं बने; जैसे, नाक, कान, पीला, झट, पर। . (२) जो शब्द दूसरे शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं; जैसे, कतरनी, पीला-पन, दूध-वाला, झट-पट, घुड़-साल। (अ) अर्थ के अनुसार यौगिक शब्दों का एक भेद योगरूढ़ कहलाता है जिससे कोई विशेष अर्थ पाया जाता है; जैसे, लंदर, गिरिधारी, पंकज, जलद । 'पंकज' शब्द के खंडों (पं+ज) का अर्थ 'कीचड़ से पन्न' है; पर उससे केवल कमल का विशेष अर्थ लिया जाता है। स्तर