पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दूसरा खंड अव्यय पहला अध्याय क्रिया-विशेषण १७६-जिस अव्यय से क्रिया की कोई विशेषता जानी जाती है, उसे क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे, यहाँ, वहाँ, जल्दी, धीरे, अभी, बहुत, कम । १८०-क्रिया-विशेषणों का वर्गीकरण तीन आधारों पर हो सकता है-(१) प्रयोग, (२) रूप और ( ३ ) अर्थ । १८१-प्रयोग के अनुसार क्रिया-विशेषण तीन प्रकार के होते हैं-(१) साधारण, (२) संयोजक और (३) अनुबद्ध । (१) जिन क्रिया-विशेषणों का प्रयोग किसी वाक्य में स्वतंत्र होता है, उन्हें साधारण क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे, "अब मैं क्या करूँ !” “बेटा, जल्दी आओ।" "अरे ! वह साँप कहाँ गया ?" . (२) जिनका संबंध किसी उपवाक्य के साथ रहता है, उन्हें संयोजक क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे, "जब रोहि- ताश्व ही नहीं तो मैं ही जी के क्या करूंगी।" "जहाँ अभी समुद्र है, वहाँ पर किसी समय जंगल था ।"