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पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/८२

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( ७९ )

(आ) अरबी, फारसी शब्दों से; जैसे,


गुजर---गुजरना
बदल---बदलना


खरीद---खरीदना
दाग---दागना

[सूचना---इस प्रकार के शब्द अनुकरण से नये नहीं बनाये जा सकते ।]

(इ) हिंदी शब्दों से (शब्द के अंत में 'आ' करके और आद्य "अ" को ह्रस्व करके ); जैसे,


दुख---दुखना
चिकना---चिकनाना


बात---बतियाना,बताना
हाथ---हथियाना

[सूचना---इस प्रकार के शब्दों का प्रचार अधिक नहीं है। इनके बदले बहुधा संयुक्त क्रियात्रों का उपयोग होता है; जैसे, दुखाना-दुख देना; बतियाना-बात करना; अलगांना-अलग करना।]

१७८---किसी पदार्थ की ध्वनि के अनुकरण पर जो धातु बनाये जाते हैं, उन्हें अनुकरण-धातु कहते हैं। ये धातु ध्वनि-सूचक शब्द के अन्त में “आ” करके “ना” जोड़ने से बनते हैं; जैसे,


बड़बड़---बड़बढ़ा
थरथर---थरथराना


खटखट---खटखटाना
टर्र---टर्राना

[सूचना-ये धातु भी शिष्ट सम्मति के बिना नहीं बनाये जाते ।]

( ३ ). संयुक्त-धात

सूचना---संयुक्त-धातु कुछ कृदन्तों (धातु से बने हुए शब्दों ) की सहायता से बनाये जाते हैं, इसलिए इनका विवेचन क्रिया के रूपांतर-प्रकरण में किया जायगा।]

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