पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/८५

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(ई) धातु से; जैसे, आते, करते. देखते हुए, चाहे, लिए, बैठे हुए। (उ) अव्यय से; जैसे, यहाँ तक, कब का, ऊपर को, झट से, वहाँ पर । (अ ) क्रिया-विशेषणों के साथ निश्चय जताने के लिए बहुधा ई वा हो लगाते हैं; जैसे, अब-अभी, यहाँ-यहीं, आते-आते हो, पहले-पहले ही । १८५-संयुक्त क्रिया-विशेषण नीचे लिखे शब्दों के मेल से बनते हैं-- (अ) संज्ञाओं की द्विरुक्ति से; अथवा दो भिन्न भिन्न संज्ञाओं के मेल से; जैसे, घर-घर, घड़ी-घड़ी, रातों-रात, हाथों-हाथ, रात-दिन, साँझ-सबेरे, देश-विदेश । (आ) विशेषणों को द्विरुक्ति से; जैसे, एका-एक, ठीक- ठीक, साफ-साफ । (इ) क्रिया-विशेषणों की द्विरुक्ति से अथवा दो भिन्न भिन्न क्रिया-विशेषणों के मेल से; जैसे, धीरे-धोरे, जहाँ-जहाँ, कब-कब, बैठे-बैठे, जहाँ-तहाँ, तले-ऊपर । ( ई ) अनुकरणवाचक शब्दों की द्विरुक्ति से; जैसे, गटगट, तड़तड़, सटासट, धड़ाधड़। (उ) संज्ञा और विशेषण के मेल से; जैसे, एक साथ, एक-बार, दो-बार, हर-घड़ी, जबरदस्ती, लगातार ।