पृष्ठ:मनुस्मृति.pdf/३०

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मनु० विषयसूची ( २७ ) म०३ देवर से नियोग उसकी विधि, कन्या का पुनः दान मकरमा स्त्री को पृत कर परदेश जाना, परदेश गत की प्रतीक्षा की गति, स्त्री की अधि, स्त्री परित्याग उस समय की मर्यादा

  • मस विवाद में स्त्री सत्कार भेदादि प्रक्षिा ८५-८७

कन्यादान का समय, वर परीक्षा स्वयंघर ८८-६२ "प्रस्तुति कन्या के हरण का वर्णन" प्रक्षिप्त १३-१४ स्त्री पुरुष की धमांनु-रसास्थान "कन्या विक्रय का विधान प्रश्रित कन्याविणाय का पेध, रत्री पुरुषों का परस्पर व्यभिचार त्याग १८-१०२ दाय भाग-माता पिना के पश्चान् पुत्र म्यामी है, पिता के धन में ज्येष्ठ पुत्र की भेंटना, ज्येष्ट का कनिष्ठों के प्रनि धर्म, ज्येष्ट की अधिक दाय, ज्येष्ठ कनिष्ठों मामेद जैछ की मेगनीयना २०३-१२१ दो त्रियों में उत्तम पुत्रों के जेष्ठ भागादि का निर्णय प्रक्षिप्त जोड़ियों में कौन ज्येष्ठहै, अपुत्रको पुषिकाविधान १२६-१२७ दक्ष जापान की पुत्रियांका पुत्रिकात्य और विभाग, प्रक्षिप्त १२८-१२६ पुत्र पुत्री की घगर्ग माना का धन पुत्री ले, धेवने का भाग, पुत्रिका के पुत्र और निज पुत्र में समना, पुत्रिका का पुत्र न हो तो जामात धनगवे, पुत्र की पडा, दारिन पुत्रादि कैसे पिण्ड दान करें, दत्तपत्र का भाग १३०-१४२