पृष्ठ:मनुस्मृति.pdf/३२

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मनु विषयसूची ( २६ ) . १० निग्रह दमन और दएड २५१-२६६ मालसहिन ही चारको दएडदेना, चारों महायकों का नित, स्वधर्म त्यागियों को दण्ड, यशाशक्ति गजाको सहायनान करने वालों को प्रामधानादि में एड, गजकोप के बोग, मंध लगाने वालों, अग्नि लगाने वालों, जलभेदको इत्यादि को दण्ड २७०-२८० तहागादि के जल चौरगजमार्ग में मैला गेरने वाले, निकित्सक.पूल आदि नादने वाने, बराबरके मूल्य से घटिय वस्तु देने वाले इत्यादि के भिन्न २ दण्ड२८२-२८७ जेलघर मार्ग पर घनाये, बहार दिवारी तोड़ने वाले, मारणादि प्रयोग करने वाले, अधीजनिफयी आदि चार सुनार, ग्वेतों का सामान चुगने वाले, शस्त्र चा ओपध के चार इत्यादि को एड २८८-२६३ स्वामो अमात्यादि प्रकृति चार ( गुमदन ) भादि रखना, सहा आरम्भ रम्बने वाले को लक्ष्मीलाम गंजा हो युग है, इन्द्र मर्यादि के नेजेोवृत्तपर राजा चले, ग्राह्मणों के कोप से बचे २६४-३१३

  • श्लोकों में ब्राह्मणों की असम्भव प्रशंसा प्रक्षिप्त३१४-३१६

गला का शासन बामणही कर सकते हैं, ब्राह्मण क्षत्रियों को मिलकर काम करना, राजाका वानप्रस्थ, गजधर्म का ब्यौरवार वर्णन, शूद्र धर्म का वर्णन ३२०-३३६ दशमाऽध्याय में- घालण अन्य मत्र वर्गों को स्ववर्ण धर्मशिनादि, अन्य चल शिक्षा ग्रहण करें, प्रामण प्रभुता, चार