पृष्ठ:मनुस्मृति.pdf/५

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मनुस्मृति ० १ भापानुवाद ४२ . स्त्री पुरुणे और विराट की उत्पति "मनु और मर्गनि आदि प्रजापनियों और अन्य ७ मनुओं तथा यक्ष राक्ष गदि की उत्पत्ति प्रक्षित श्लोकों में" प्रक्षित सब के धर्म वर्णनार्थ मनु की प्रतिमा १ श्लोक जो ३ पुराने पुस्तकों में मिला है अरायुज, अण्डज, स्वेदज. द्विजों की उत्पत्ति ४३.५० "मनु ने अपनी उत्पत्ति क साथ जगदुत्पत्ति का उपसंहार किया है प्रा उत्पत्ति और प्रलय की अम्मा का वर्णन "मतु सा कथन है कि परमेश्वर ने मुझे यह शास्त्र पढाया, मैंने मरीच्यादि को इन में भृगु तुम्हें सुनावेगा' पक्षिान "भृगु ने ७ मनुओं का वर्णन और नाम बताये" प्रक्षित निमेप, काठा कला मुहूर्त, मानुप, दैव, पित्र्य, दिन राधि मादि काल क परिमाण मन, आकाम, वायु आदि नत्व और इनके गुणों का वर्णन ७४-७८ मन्मन्नर का परिमाण "युगों का प्रभाव प्रक्षित ब्राह्मणादि वर्षों के कर्म ८७-६१ ब्राह्मण की पसा प्राणियों में कौन किस से श्रेष्ठ है पुना सब में ब्राह्मण की श्रेष्ठता ६८-२०१ ७६-८०