पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/११७

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( १०८ ) "अब?" "अब मैं और तुम चलो भाग चलें।" "अाज की सभा में ? "मैं नहीं जाऊँगा" "क्यों?" "मुझे सूचना मिल चुकी है कि आज मेरी गिर प्राणी होगी। "तब वे हजारों भोले भाले मनुष्य ?" "सब जहन्नुम में जाय ।" युवती चुप हुई । युवक ने कहा- "क्या सोचती हो ?" "कुछ नहीं । कब चलोगे ? कहाँ चलोगे?" "यह फिर सोचेंगे। आज रात की गाड़ी से पश्चिम को कहीं का भी टिकट लेकर चल दो, फिर शान्ति में सोचेंगे।" "अच्छी बात है-मुझ से क्या कहते हो ?" "रात को ६ बजे तैय्यार रहना।" 'और कुछ " $ 6 तब जाओ युवती बिना युवक की प्रतीक्षा किए चली गई।