पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/१४८

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( १३६ ). और जुओं एवं और दुर्गन्ध से तंग छटपटा रहा था । शब्द "टिक, टिक, टिक्” "तुम्हारा नम्बर ?" "१८, और तुम्हारा ?" "३०, क्या अभी तक जागते हो ?" "हाँ, कोई नई ख़बर है ?" "मुझे तुम्हारा नाम मालूम हो गया है, क्या तुम्हें पीटा भी जा रहा है !" 77 "कल जेल सुपरिन्टेन्डेन्ट जेल का मुआयना करेंगे, उनसे शिकायत करना। "शिकायत करना अपमान समझता हूँ" "फिर चुपचाप कब तक सहोगे!" "जब तक ये कष्ट देंगे।" "एक और खबर है।" "क्या ?" "तुम्हारी स्त्री आई है। "ऐ ? कब !" "कल । वह तुम्हें जमानत पर छुड़ाने की चिन्ता में है।"