पृष्ठ:महात्मा शेख़सादी.djvu/१०

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कथायें प्रायः लम्बी और पशु-पक्षी आदि के सम्बन्ध में हैं। सादी के पास निज अनुभूत घटनाओं का इतना बाहुल्य है, और वह ऐसे मौके से उन्हें काम में लाते हैं कि उन्हें कल्पित कथाओं के गढ़ने की आवश्यकता ही नहीं थी। वर्त्तमान समय में अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध ग्रन्थकार डाक्टर स्माइल्स, ब्लैकी, कावेट, मारडन आदि ने चरित्र सुधार और नीति पर अच्छी अच्छी पुस्तक लिखी हैं, किन्तु विचार करके देखने पर इनकी पुस्तकों में बूढ़े शेख़ सादी की लेखशैली साफ़ झलकती है। सादी ने इस पुस्तक का नाम बहुत ही उचित रक्खा। यह ऐसी मनोरम वाटिका है कि आज छः शताब्दियों के बीतजाने पर भी वैसी ही हरी-भरी, नवपुष्पित और सुसज्जित बनी हुई है। संसार में ऐसी कदाचित् ही कोई उन्नत भाषा होगी जिसमें इसका अनुवाद न हुआ हो। अतएव ऐसे महान् लेखक से हिन्दी-प्रेमियों का परिचय कराना आवश्यक है।