यह तो जानते ही थे कि यशोदा जियेगी नहीं । फिर भी आज सारे दिन वह आँखोंके सामने नाचती रही और असकी मौतसे अनेक विचार आते रहे । यह तार आया अससे पाँच दस मिनट पहले मिदनापुरके कलेक्टर डगलसके खुनका समाचार पड़ा था। अिस बारेमें भी बहुत बुरा लगा । “अिसमें शक नहीं कि बंगालमें अंग्रेज लोग जिन्दगीका जोखम झुठाकर रहते होंगे । असके बालबच्चोंका क्या होगा ? हम अपनेको दूसरेको स्थितिमें रखें, तब हिंसाकी भीषणता खयालमें आ सकती है । " बापूने कहा " मन् '५७में भी अंग्रेजोंकी यही हालत होगी।" अिस बारकी बापूकी डाक कुछ हलकी कही जा सकती है। पत्र थोड़े और कुछ हलके भी हैं । परशरामने की शादीके बारेमें सवाल पूछा था । असके बारेमें काफी डॉट पिलाजी। मगर अस डाँटमें बापूका ओरोंके दोष देखनेके बारेमें बहुत स्वस्थ रवैया देखनेको मिलता है - "... के बारेमें प्रश्न पूछे गये हैं, यह हमें शोभा नहीं देता। किसीके छिद्र देखना और किसीका न्याय करना हमारा काम नहीं है । हमें अपना न्याय करते करते थकावट लगनी चाहिये, और जब तक अपनेमें अक भी दोष हमें दिखाओ देता हो और जिस दोषके होते हुओ भी हमारी अन्तरात्मा यह चाहती हो कि सगे-सम्बन्धी और मित्र वगैरा हमें न छोड़ें, तब तक हमें औरोंके दोष देखनेका हक नहीं है । जब हमें - चाहे अनिच्छासे दूसरोंके औसे दोष दिख जायें, तब हममें शक्ति हो और असा करना अचित हो, तो जिसके दोष हमने देखे हों, अससे हम पूछे । मगर और किसीसे पूछनेका हमें धिकार नहीं है। यह पूछनेमें कुछ भी लाभ नहीं है । फिर भी मुझे पूछनेका तुम्हारा मन हुआ और मुझसे पूछ लिया, यह ठीक ही किया। न पूछते तो असा व्याख्यान देनेका मुझे मौका न मिलता । अब जवाब देता हूँ। बाहरते देखते हुझे और जितनी बातें जाहिर हुी हैं अतनी ही देखते हु तो . का काम हमें अच्छा नहीं लग सकता । मगर जब तक मैं असके मुँहसे असके कामके बारेमें सारी बातें न जान लें, तब तक मैं निश्चित निर्णय नहीं कर सकता। मेरे खयालसे यह कहना ठीक नहीं कि पैगम्बर साइबने जो जो काम किये, वे सब काम पैगम्बर साहबके अनुयायियोंको करने चाहिये या करने अचित हैं । महान पुरुष जो कुछ करते हैं वह सभीको करनेका अधिकार हो, सो वात नहीं है। हमने यह भी देख लिया है कि असा करनेसे बुरा नतीजा होता है। मगर हिन्दू, मुसलमान और दूसरे धर्मोंवाले अिस सुनहरे कानून पर सदा अमल करते नहीं पाये जाते | अितना ही नहीं, वे यह मानकर व्यवहार करते हैं कि अवतारोंने अमुक बातें की हैं, अिसलिओ हमें भी असा करनेका अधिकार १३१
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