पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/१७०

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. , बाप अक्की कितावमें रोज नी नभी खोज करते जा रहे हैं । असमें मोहम्मद बेगडाका पाठ है । असके नाश्तेका वर्णन मिस २३-५-३२ तरह किया गया है, जैसे किसी पराक्रमका वर्णन किया गया हो । अकसौ पचास केले, अक प्याला शहद और अक प्याला घी, वगैरा । जिससे अलटे शिवाजीके पाठमें शिवाजी के बारेमें लिखते हुझे जरा भी विवेक और विनय नहीं है । वह वेपदा, गँवार, असम्य और लुटेरा, वगैरा था ! आज आश्रमकी डाकके पत्रोंकी गिनती थोड़ी थी-३९ हाँ, पत्र खासे लम्बे थे। बाहरके पत्र लम्बे थे। कितनी ही वार बापू अनजानमें अितना कड़ा लिख देते हैं कि सामनेवाला आदमी हक्का-बक्का रह जाय। भैंसा पत्र हनुमानप्रसाद पोद्दारको लिखवाया । उन्होंने पूछा था कि जिन्दगीमें असे कौनसे प्रसंग आये, जब आपकी मीश्वरके वारेमें श्रद्धा बहुत बह गयी? बापने अन्हें लिखा असा कोणी प्रसंग मुझे याद नहीं, जब भीश्वरके लिखे श्रद्धा खास तौर पर बढ़ गयी हो । अक समय श्रद्धा न थी, लेकिन धर्मविचार और चिन्तवनसे आने लगी और तबसे बढ़ती ही गयी है । ज्यों ज्यों यह शान बढ़ता गया कि मीश्वरका निवास हृदयमें है, त्यों त्यों श्रद्धा बहती गयी । मगर ये सवाल तुम किस लिये पूछ रहे हो ? क्या आगे चलकर 'कल्याण में छापनेके लिओ ? तो यह वेकार है । और अगर खुद अपने लिझे पूछते हो, तो मुझे कहना चाहिये कि मिस मामलेमें पराया अनुभव काम नहीं देता । श्रीश्वरके लिखे श्रद्धाके साथ लगातार कोशिश करने पर ही श्रद्धा बढ़ती है।" C - आज बहनोंका और कैम्पसे भाभियोंका, जिस तरह दो लम्बे पत्र आये । आश्रमकी डाक नहीं आयी। की अनजान २४-५-३२ वहर्ने बेचारी अमंगके साथ लिखती हैं। जिन लोगोंके पत्रोंमें सरल, अकृत्रिम श्रद्धा छलकती है। कोसी बहन कहती है कि मेरे पति भी लहामीमें हैं । कोमी कहती है कि मेरे दो भाभी 'भी जेलमें हैं। कोभी कहती है कि मैं और मेरे पति दोनों अिस काममें पड़ गये हैं, अिसलिझे हमें घरसे निकाल दिया गया है। अिन्हें लम्बा पत्र लिखा। अक लड़कीने पूछा या बाप्पू आप दूसरे वर्णवालेके साथके विवाहको मानते हैं, तो दूसरे धर्मवालेके साथके विवाहके बारेमें आपका क्या मत है ? बापूने लिखा ."बच्चे बड़े हो जायें, तभी अनके विवाह होने चाहिये । अक दूसरेको पसन्द करें और माँ बापकी भी सम्मति हो, असे विवाह होने चाहिये । अिसलिओ अनमें कहीं भी कृत्रिम प्रतिबंध नहीं आता । मगर मेरी पसन्द कोी पूछे तो विधर्मियों के बीच विवाह होना में जोखमभरा प्रयोग मानता हूँ। क्योंकि दोनों ही अपने अपने १६७