पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/१६९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

- "हाँ, तुफानके बिना शान्ति नहीं होती । संग्रामके बिना सुलह नहीं होती । शान्तिमें संग्राम समाया हुआ है। असके बिना हम शान्तिको नहीं जान सकते । जीवन भीतर या बाहरके तुफानके विरुद्ध सतत संग्राम है । जिसीलिसे संग्रामके बीच हों, तब भी हमें शान्ति महसूस करनेकी जरूरत है।" अिसकी दो छोटी छोटी लड़कियोंको पत्र लिखा : 'You have sent me a sweet letter. I see you are making friends with birds. We have made friends with a cat and her kittens. I call her sister. It is delightful to watch her love for her young ones. She teaches them all sorts of things by simply doing them. God bless you. With blessing, Bapu." "तुमने मुझे प्यारा पत्र लिखा है। मालूम होता है तुम पक्षियोंसे दोस्ती कर रही हो। हमने यहाँ अक बिल्ली और असके बच्चोंसे दोस्ती की है । मैं बिल्लीको बहन कहता हूँ । विल्लीको अपने बच्चोंसे प्रेम करते देखकर आनन्द होता है। वह अपने बच्चोंको दुनियाभरकी बातें खुद करके सिखाती है भगवान तुम्हारा भला करे । बापूके आशीर्वाद ।" डा० रायको लिखे गये पत्रमेंसे : “The work you are doing is difficult, but it is the only way to help our people. There is no substitute for Charkha for universal relief. " It is nonsense for you to talk of old age so long as you outrun young men in the race for service and in the midst of anxious times fill rooms with your laughter and inspire youth with hope when they are on the brink of despair." आप जो काम कर रहे हैं, वह कठिन है । मगर हमारे लोगोंकी मदद अिसी तरह की जा सकती है । बड़े पैमाने पर राहत पहुँचानेके लिझे चरखे- जैसी और कोी चीज नहीं है । जब तक सेवा करनेकी दौड़में आप जवानोंको भी हरा देते हैं, मुश्किलके समय भी अपने कमरेको हँसीसे गूंजा सकते हैं, और जब नवयुवक निराशाके किनारे पहुँच जाते हैं तब भी आप अनमें आशाका संचार कर सकते हैं, तब तक आप बुढ़ापा आनेकी बात करें तो भी कोन मानेगा ?" १६६