पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/३४१

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रहता है । यह जरूर सम्भव है कि मुझ पर पुराने विचार अनजाने असर डालते हों। मगर जिन कारणोंसे मैं विरोध करता हूँ वे कारण आज भी मौजूद हैं; यानी संतति नियमनसे होनेवाली भारी हानि हम प्रत्यक्ष देख सकते हैं । नमी सन्तान पैदा होनेसे रोकनेके लिओ बनावटी अपाय करनेसे आज जो स्त्रियाँ सबला जैसी हैं, अनकी भी अबला बन जानेकी संभावना है । संतान निग्रहके पीछे जो सारी विचारश्रेणी है, वही भयंकर और भूल भरी है। संतति नियमनका समर्थन करनेवाले यह मानते हैं कि जननेन्द्रियको सन्तुष्ट करनेका मनुष्यको अधिकार है। अितना ही नहीं, यह धर्म है और असका पालन न किया जाय तो जीवन विकास कम होता है । मुझे जिस विचारमें बहुत दोष दीखता है । अनुभवमें भी मैं यह दोष देखता ही रहता हूँ। कृत्रिम अपाय करनेवालोंसे संयमकी आशा रखना फजूल है। यह मानकर तो संतति नियमनका प्रचार ही होता है कि अिस मामले में संयम नामुमकिन है। और जननेन्द्रियका संयम असंभव या गैरजरूरी या हानिकारक मानना मेरे खयालसे धर्मको न मानने जैसा है, क्योंकि धर्मकी सारी रचना संयम पर कायम हुी है । जब कमजोर सन्तान रोकनेके सीधे, आसान और निर्दोष अपाय बहुत हैं, तो फिर अन्हें छोड़कर संततिनिग्रह जैसी जोखमभरी चीजको कैसे काममें लिया जा सकता है ? यह तो लगभग सभी मानते हैं कि अिसमें जोखम हैं । अिसलिभे जिस ढंगसे मैं जिस चीज पर विचार करता हूँ, अससे तो मुझे यह चीज त्याज्य ही लगती है । अितना फिर लिखनेका दिल हो गया है, क्योंकि तुम्हारे पास विचार करनेका अवकाश है। और चूँकि यह विषय बहुत गम्भीर है, अिसलिओ यह आवश्यक है कि तुम अिस पर खुब बारीकीसे विचार कर लो। फिर तुम किसी भी नतीजे पर पहुँचो असका मुझे डर नहीं है, क्योंकि मैं मानता हूँ कि अन्तमें तुम्हारी सचाभी तुम्हें बचा लेगी; या में भूल करता होगा, तो तुम झुम भूलको सुधार सकोगे। अगर संतति नियमनका धर्म तुम्हारे सामने प्रत्यक्ष हो जायगा तो असे मेरे पाससे स्वीकार कराये बिना तुम्हें चैन नहीं पड़ेगा । और मेरा काम सीधा है। मैंने किसी विचारको कितने ही आग्रहके साथ पकड़ रखा हो मगर असमें मुझे दोष दिखाओ दे जाय या दूसरा बता दे, तो मुझे असे छोड़ देनेमें देर नहीं लगती।" . आज पत्रव्यवहारके बारेमें डोीलको पत्र गया । बापूने झुस अफसरको यकीन दिलाया कि भिसका दूसरा अर्थ न लगाया जाय । २६-७-२३२ वे बोले अन्दर लिख दीजिये कि मैं जेलके कर्मचारियों का जिक्र नहीं करता । " वापू बोले तब तो वे जरूर मानेंगे कि आपके कदनेसे यह लिखा गया है। जिसके बजाय तो जो मैंने स्वाभाविक - -