पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/६२

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3) -महाविभूतिके दर्शन हुने थे। वहाँ अस अदात्त महिलाकी प्रेरणासे और शुसकी देखरेखमें अस्पताल, दवाग्वाने, अनाथालय, पाठशालायें, क्षयके रोगियोंके लिओ आरोग्यालय, नौंको तालीम देनेके केन्द्र आदि अनेक संस्थायें चल रही थीं। मगर वह राजकुमारी न रहकर भिक्षुणी किस लिञ बनी ? असका विवाहित जीवन सुखी था । प्रांड ड्यूक मजके पिता ज़ार अलेक्जेंडर दूसरेने किसान-गुलामों (Seris) को मुक्ति दी थी और असका खून किमी अराज्यवादी हाथों हुआ था । फिर निकोलस जार बना, तब वह मॉस्कोका गवर्नर था। जामानकी लड़ाीमें हारनेके बाद असने निकोलससे कहा था कि प्रजासे हारकर या प्रजाके जोरसे दबकर नहीं, बल्कि अदारताके चिन्ह स्वरूप प्रजाको धारासमा दीजिये । राजाने यह सलाह न मानी, जिससे असने अिन्तीफा दे दिया। मिस्तीफा देकर वह मॉस्को छोड़नेकी तैयारीमें या, सारा सामान स्टेशन रवाना हो गया था। जितनेमें ओक आतंकवादीने आकर सकी हत्या कर डाली । जब यह हत्या हुी तत्र अलिजाबेथ तो मंचूरियाकी फोजके लिभे मॉस्कोमें खोले गये अक सेवाकेन्द्र पर जानेकी तैयारीमें थी । अितनेमें असे क्रेमलिनके राजमहलके अक हिस्सेकी खिड़कियाँ बमके धड़ाकेसे अड़ रही हों वो सुनाओ दिया । अपने पतिको असने मरा हुआ देखा । असकी गाड़ी चूरचूर हो गयी थी और कोचवान घायल हो गया था। सर्जका खून कैसे हुआ और भुसकी हत्याका पड़यंत्र किसका था, जिस विषयकी हृदय-विदारक याने होरने विस्तारसे दी हैं। अिनमेंसे अक खूनी आअिजेव या । वह राज्यके विरुद्ध अपराध करनेके लिये लोगोंको भड़कानेके खातिर पुलिस विभागकी तरफसे ही रखा हुआ आदमी या । ओक याद रखने लायक फिकरेमें होर लिखता है क्या जुर्म करनेकी अत्तेजना दिलानेवाले असे नीच बदमाश सचमुच होते होंगे ? अिस प्रकारकी अपराधी मनोवृत्ति खुद ही किसी अपराधी और बिगड़े हुझे दिमागकी खोज नहीं है ? अनके काम शैतानी दावपेचवाले होते हैं । अन्हें हमेशा दहशतमें रहना पड़ता है। पुरस्कार मिलनेका कुछ भी भरोसा नहीं होता । अिसलिझे यह माननेको भी मेरा जी नहीं करता कि असे लोग हो सकते हैं । पुलिस विभागको किस लिभे असे आदमियोंको रखकर आतंकवादी अत्याचारोंको अत्तेजना देनी चाहिये ? यह स्पष्टीकरण मुझे अचित नहीं लगता कि पुलिस विभागमें अपना असर बढ़ानेकी आकांक्षासे असे दुधारी तलवार जैसे समाजद्रोही पैदा होते हैं । देर अवेर असे लोगोंका भण्डा फूटे बिना तो रहता नहीं । और मान लीजिये कि वे फाँसी पर चलनेसे या कतल होनेसे बच भी गये, तो भी अन्हें असा कौन बड़ा और स्थायी अिनाम मिलनेवाला है, जिसके लिझे अक या दूसरे पक्षके डरका जोखम झुठानेको ये लोग तैयार होते हैं ? अिन सवालोंका सन्तोष- -