पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

- जनक अत्तर मुझे कभी नहीं मिलता। मगर विश्वस्त प्रमाणोंसे मुझे अितना तो यकीन हो गया है कि असे लोग मौजूद हैं; और अनमें सबसे नामी आअिजेव था, जिसने कायरताकी अत्तेजनासे ग्रांड ड्यूकका खुन कर डाला । "अिस खुनमें दो साथी और थे। अकका नाम था कालीव । अत्साही, लहरी, कवि, बड़ी बड़ी भयंकर आँखों और किसी ख्वाबी आदमीकी मुस्कानवाला असा यह नौजवान आअिजेव जैसेकी भयंकर सोहबतमें कहाँसे पड़ गया ? असने बम फेंका था । वह अक गरीब और शांतिप्रिय खानदानमें पैदा हुआ था । मुसका बाप वॉर्सा में पुलिसमैन था । पुलिसके महकमेमें रिश्वत न खानेवाले बहुत कम होते हैं । अनमेंसे यह अक था । असके भाी खुद मेहनत करके, पसीना बहाकर गुजारा करनेवाले थे। कालीव और असका भाभी विश्वविद्यालयमें भरती हु । वहाँके विश्वविद्यालयोंमें आम तौर पर कुछ खास घटनाओंकी परम्परा बनी हुी थी । असमें यह भी फंसा । पहले शक पर बरखास्तगी, फिर पुलिसकी देखरेख और बादमें देशनिकाला, अन्तमें वहाँसे भाग निकलना और पश्चिमी युरोपकी छिपी यात्रा करना । अिस घटना-परम्परामें वह भी फँसा और मुसका विश्वविद्यालयका जीवन बर्बाद हुआ | उसके हृदयमें बैरका काँटा चुभ गया । धीरे धीरे वह क्रांतिकारियोंकी तरफ खिंचता गया और अन्तमें अनकी कार्यकारिणी समितिका सबसे प्रमुख कार्यकर्ता बन गया । वह धार्मिक वृत्तिका या। अपने साथियोंकी नास्तिकताके प्रति असकी अरुचि थी। हालाँकि दुनियाने असके साथ कुछ भी हमदर्दी नहीं दिखाी, फिर भी असके दिलमें किसीके प्रति निजी रागद्वेष नहीं था । अिसके साथी निर्दय विनाशके कार्यक्रममें लगे रहते, मगर अिसे तो अराज्यवादी नामसे भी नफरत थी । अक बार जब प्रांड डचेस अपने पतिके साथ गाड़ीमें बैठी हुी थी, तब अिसने बम नहीं फेंका । सर्जको वह द्वेषपात्र जालिम नहीं मानता था, मगर अपनी स्वप्नसृष्टिके मार्गमें अक रुकावट समझता था । यह अपने मित्रोंसे कहा करता कि हम नी भावनाके योद्धा हैं, नवरचनाके लिखे लड़ते हैं, भविष्यको बना रहे हैं। सर्ज भूतकालका प्रतिनिधि है, अिसलिओ असका नाश करना ही चाहिये ।" बादमें प्रांड डचेस अलिजावेय अिस आदमीसे कैदरखाने में मिलने जाती है । यह दृश्य तो किमी नाटकके अपूर्व दृश्यको भी फीका कर देनेवाला है । खुनके बाद ग्रांड डचेस अससे जेलमें मिलने गयी । असका पति पुरानी धर्म- रूदियोंका कहर माननेवाला था । असने अिसे यह सिखाया था कि मौतके समा गगद्रेपको खतम कर देना चाहिये और मारनेवालेको जीवरका चिन्तन करनेका मौका देने में मदद करनी चाहिये । अिसलिये अलिजावेथ अपने पतिका ५८