पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/८३

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- बहनोंके पत्र थे । सारे पत्र बहनोंके अमड़ते हुओ प्रेमके नमूने थे। कर्णाटककी मनोरमा बहनका पत्र तो हृदयविदारक ही था "हमारी कर्णाटकी बहनोंमेंसे कुछने तो आपके दर्शन कभी किये ही नहीं । जिनकी श्रद्धा अपार है। यह नहीं कहा जा सकता कि ये छूट कर भी कभी दर्शन कर सकेंगी या नहीं, क्योंकि ये लोग दूर गाँवोंमें रहनेवाली हैं। अिसलिभे आप हमें यहीं आकर दर्शन दे जायँ तो कैसा अच्छा हो ?' ओक बहन लिखती हैं 'कभी आपके साथ पत्रव्यवहार नहीं हुआ। और वह पत्रव्यवहार जेलमें करनेका अवसर आये तो यह सौभाग्य ही है न!' प्यारेलालकी बूढ़ी माँ तारादेवी भी लिखती हैं कि आनन्दमें हूँ। और कहती हैं कि तुलसीकृत रामायण भिजवा दें। और अमीना कहती है कि मुझे कुछ भी चिन्ता नहीं है। बच्चोंको भगवान संभालेंगे । बहनोंके खत पढ़कर जैसा लगा मानो सेर भर खून बढ़ गया हो । जिस बारेमें मुझे शक नहीं मालूम होता कि भविष्यमें ये बहनें देशके तंत्रकी लगाम हाथमें लेंगी । निर्भयताकी तालीम पाी हुी बहनोंकी सन्ताने अिस देशकी ओक कीमती तरुण सेना बन जायगी । आज सीरियासे भूनकी बनी हुी अक सुन्दर शतरंजी आयी । अिसमें गहरे लाल, केसरिया और खाखी भूरे रंगके पट्टे हैं और सुन्दर काली सूनके वेलदृटे हैं । अिस के साथ आया हुआ पत्र सारा ही अद्धृत करने लायक है : .. British consulate, Aleppo Syria, Sunday Jan. 17. After Eng. service. Dear Mr. Gandhi, The day has come, when being in prison, I feel that you will be free to accept one of our Armenian National Coloured Killims ", spun and woven by the refugees. I am come to live and work amongst them in view of my country's debt towards these war victims who have passed through such horrors of death, and also because I find that they are the child" - nation “set in the midst of those at strife." The colours are red - sacrifice ; sky-blue - hope ; gold - the light. Yours with deepest gratitude for the message you are bringing to our world, Moto Edith Roberto