282 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली सूरत, शकल और स्वभाव आदि हार्ट साहब खूब लम्बे-चौडे आदमी हैं । लम्बाई मे वे छ फुट दो इच हैं । शरीर भारी होने पर भी सुदृढ और गठीला है । जाहिरा पहलवान से जान पडते है । हार्ट साहब करोडपति है । अखबारी सम्पत्ति के मिवा कोई दम लाख एकाड भूमि के भी वे मालिक है। पर वे रुपये की परवा नही करते । उसे वे पानी की तरह बहात है । अपने सुख के लिए नही, किन्तु सात करोड अमेरिकनो के उपकार के लिए। कमलापति होने पर भी उनमे अभिमान छू तक नहीं गया । वे बडे ही सीधे-सादे, श्रमसहिष्णु, दृढ- सकप, शान्त, दयालु और न्यायप्रिय है । वे तम्बाकू या मदिग कभी नही पीत । घुडदौड या और किमी खेल का उन्हे शौक नही । नाच, गान, सैर, शिकार से सदा द्र रहत है। धनवानो से कम मिलते है। साधारण मनुष्य ही उनके मित्र है । एक मामूली मकान मे रहत है और अपने काम से काम रखते है । क्या हार्ट साहब के चरित्र से हम लोग कुछ शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकत? [फरवरी, 1909 को 'सरस्वती' में प्रकाशित । विदेशी विद्वान्' मे सकलित।
पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२८६
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