पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/३६७

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दक्षिणी ध्रव की यात्रा-2 पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी भागों को क्रम से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव कहते है। ये देश बर्फ से सदा ढंके रहते हैं। वहाँ बारहो माम अत्यन्त शीत रहता है। अतएव वहाँ मनुष्य का निवास प्रायः असम्भव है। सभ्य देशों के निवासी इन दुर्गम देशों का हाल जानने के लिए सदा से उत्सुकता प्रकट करते रहे है । केवल यही नही, उनमें से कितने ही माहसी पुरुष इन देशों का पूरा हाल जानने के लिए, समय समय पर, वहाँ गये भी है । परन्तु सन् 1911 ईसवी के पहले ठेठ ध्रुवों तक कोई भी नही पहुंच पाया। हाँ, उस माल और उसके बाद दो आदमी तो खास उत्तरी ध्रुव तक और दो आदमी ठेठ दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच गये। उनके नाम क्रम मे ये हैं—पियरी, कुक, एमंडसन और स्काट । इनमें से पहले और तासर साहब के विषय में तो लोग निश्चित रूप से कहते है कि वे क्रम मे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव को अवश्य पहुँचे, पर दूसरे और चौथे महाशय के विषय में किसी किसी को सन्देह है। पर जो लोग इस विषय में विशेष अनुभव रखते हैं उनका कहना है कि चारों महाशय ध्रुवो तक पहुँच गये थे। इनमें से अन्तिम साहब, कप्तान स्काट, के विषय में हाल ही में खबर मिली है कि कई साथियो समेत उनका दक्षिण के ध्रुव या देश में देहान्त हो गया । इस दु वदायी समाचार ने मारे सभ्य संसार-विशेष कर इंगलैंड में हाहाकार मचा दिया । विलायत के प्राय' मभी प्रसिद्ध पुरुषो और बड़ी बड़ी सभाओं ने यहां तक कि स्वय सम्राट जार्ज और पारलियामेंट ने भी कप्तान स्काट और उनके साथियों की अकाल मृत्यु पर शोक प्रकट किया और उनके परिवार वालों के साथ सहानुभूति दिखाई । कितने ही लोग इन पर लोकगत वीरों का स्मारक चिह्न स्थापित करने तथा उनके आश्रितों की सहायता करने के लिए धड़ाधड़ चन्दा एकत्र कर रहे है । ऐसे समय में कप्तान स्काट और उनकी ध्रुवीय यात्रा का हाल जानने के लिए पाठक अवश्य उत्सुक होगे । अतएव इस विषय में कुछ लिखना हम यहाँ उचित समझते है। कप्तान स्काट के पहले जिन जिन लोगों ने जब जव दक्षिणी ध्रुव की यात्रा की उसका विवरण इस प्रकार है- नाम यात्री कब यात्रा की कहां तक पहुंचे, क्या खोजा बवेट 1738 ई० 1773 71 डिग्री 10 मिनट वेडेल 1823 74 डिग्री सर जेम्स रास 1839 साउथ विक्टोरियालड, ऐरबस तथा हेरर पहाड़ सर जेम्स रास 1841 बर्फ के पहाड़ कप्तान कुक कुछ भूमि