"सत्यता को जानकर तुम्हारे हृदय को फिर भ्रम का दुख नहीं उठाना पड़ेगा क्योंकि वस्तु-स्वरूप जानने से इस बात का पता लग जाएगा कि सब पदार्थ तुम्हारे आधीन हैं"।
मनुष्य में उत्पादनशक्ति क्या वस्तु है? केवल विचार शक्ति। विचार करना क्या है? उत्पादन है। इस प्रकार हम जीवन पर्यन्त उत्पादक रहे हैं वरन हमें इसका कुछ भी पता नहीं। हमने समझा था कि उत्पन्न करने की शक्ति कोई अद्भुत और अनोखी वस्तु होगी जिसको कि हम बड़ी खोज के बाद किसी दिन बाहर से पाकर ग्रहण करेंगे। हम यह नहीं जानते थे कि जिस वस्तु की तलाश में हम बहुत दिनों से थे वह हम में सदैव से मौजूद है और हर समय हमारे साथ रहती है। बात केवल इतनी है कि समुदायरूप शक्ति होने, उचित रीति से काम में लाए जाने और मतलब के लिए काम में लगने के बजाए जल-प्रपात की भांति वह निरन्तर नष्ट होती रही, वह उत्पादन शक्ति होते हुए भी हमारे जीवन को निरर्थक
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